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समय और एक दूसरे के प्रति प्रेम का आभाव खोते रिश्ते
आज के बदलते समय मे व्यक्ति चाँद तक पहुँच गया हैं हर सुख सुविधा से संपन्न होता जा रहा हैं
1* लेकिन नही हैं किसी के पास बो हैं समय और वफादारी और प्यार चाहते सभी एक दूसरे से हैं की बो मुझे प्यार करे मुझसे वफा करे पर करता कोई किसी से नहीं अन्दर से सभी खाली हैं
इसी चीज के चलते न जाने कितने रिश्ते टूट चुके हैं और न जाने कितने टूटने के मोड़ पर हैं
2* मन का भटकाव
इंसान की फिदरत होती है दो नाव की सवारी करने की
एक कारण यह भी हैं कि जो अपने पास हैं उसमें संतुष्टि नहीं हैं लेकिन पराई स्त्री के प्रति आकर्षण लगाव ज्यादा देखने को मिलता हैं बेहतर की चक्कर मे बेहतरीन खो देते हैं
3* रिश्तों मे संतुलन
जब तक रिश्तों मे संतुलन रहता हैं रिश्ते बरकरार रहते हैं
जहाँ से रिश्तों मे संतुलन बिगड़ना शुरू होता हैं
वही से रिश्ते खोखले होना शुरू हो जाते हैं
जिस तरह एक स्त्री शादी के बाद अपने मायके * ससुराल* रिश्तेदारों और पती के प्रति संतुलन बनाकर रखती हैं
जिस दिन वह संतुलन बिगड़ता हैं
रिश्तों मे दरार पड़ना शुरू हो जाती हैं
4* जीवन साथी की भावनाओ प्रेम को महत्व देना
हमेशा अपने जीवन साथी की भावनाओ और उसके प्रेम को समझना चाहिए
क्योकि एक लड़की अपने पिता के घर सभी लोगो की अलको पलकों पर रहती हैं सभी का प्यार पाती हैं
लेकिन शादी के बाद एक अंजान ब्यक्ति अंजान घर को अपना बनाती हैं
अपने माता पिता सभी को छोड़कर
अपने पती को ही पूरी दुनियाँ समझने लगती हैं
तो ऐसे मे वो अपने पती से ज्यादा प्यार ज्यादा अपेक्षा रखती हैं तो क्या गलत हैं
ऐसे मे पती का फर्ज बनता हैं
कि बो उसको इतना प्यार दे कभी भी उसे अपने माता पिता या किसी और की याद न आ सके
5* किसी कारण बस अंदेखा करना
जब किसी बजह से आप अपने जीवन साथी के प्यार जज़्बात को अंदेखा करते हो
धीरे धीरे आपके इस वर्ताव की राह देखते देखते थक जाती हैं
एक वक्त बो आता हैं जब बो उस रिश्ते से आजाद होना चाहती हैं
या फिर उस रिश्ते को तोड़कर आगे बढ़ जाती हैं
जब उस रिश्ते को तोड़कर जाती हैं तो यही समाज के लोग उसे कुलटा चरित्र हीन बताते हैं.
आप ही बताइये जो जिसके लिये सब कुछ छोड़कर आती हैं वही शुरुआत मे सब कुछ करता हैं फिर धीरे धीरे समय देना छोड़ देता हैं
और उसके प्यार को भी नही समझता पत्नी के द्वारा जताया गया प्यार भी बोझ लगने लगता हैं
भला वह स्त्री क्यों रहे ऐसे रिश्ते मे
और हर सुख पैसा नही होता कुछ लोग मानते हैं पैसा ला लाकर देते रहो रिश्ते अच्छे चलेंगे ये सोचना विल्कुल गलत हैं एक स्त्री को अपने हमसफर के साथ के सिवा कुछ नही मायने रखता
6* एक दूसरे के प्रति सच्चा प्यार
जहाँ तक जाना वहाँ तक एक स्त्री को घूमने को मिले या न मिले
धन धान्य से संपन्न हो या न हो
होटलो मे खाये या न खाए
लेकिन जब उसका पती उसके साथ हमेशा खड़ा रहेगा दोनों एक दूसरे के प्रति प्रेम पूरी श्रद्धा भाव से करेगे भूल से भी कभी भी किसी के आखों से आंसू
निकलने की बजह न बनेंगे
तो क्यों भला कोई स्त्री अपने पती को छोड़कर किसी और के पास जाए
7* कोई न समझा
एक नारी ने सोचा मेरे मा बाप समझेगे लेकिन बो भी न समझे
फिर सोचा ससुराल वाले समझेगे लेकिन बो भी न समझे
फ़िर सोचा पती समझेगा लेकिन बो भी न समझे
फ़िर सोचा बच्चे समझेगे लेकिन बो भी न समझे
फिर सोचा बहुएं समझेंगी लेकिन बो भी न समझी
फिर सोचा ये समाज समझेगा
लेकिन किसी ने भी उसकी खुशी उसके मनोभाव न समझे अंततः उसने खुद को अकेला खड़ा पाया
तब जाके उसने अपने अपने हिसाब से चलना शुरू किया तो समाज के सभी लोग उसके खिलाफ हो गए!!
© Mamta