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बाज का जीवन...
दोस्तो आज जो मैं आज कहानी लिखने जा रहा हूँ यह है तो बहुत छोटी लेकिन उम्मीद करता हूँ इसे पढ़ने के बाद आप मे एक अलग ही जज्बा आएगा।
बाज़ के जीवन कि ऐसी बात जो आपके जीवन को बदल देगी।

क्या आप जानते है जिस उम्र में बाकी पक्षियों के बच्चे मुँह से ठीक तरह से आवाज़ भी नहीं निकाल पाते उस उम्र में एक मादा बाज अपने बच्चे को पंजे में दबोच कर सबसे ऊंचा उड़ जाती है . मादा बाज़ अपने बच्चे को 12 किलोमीटर तक ऊपर लेकर उड़ जाती है जितनी ऊंचाई पर हवाईजहाज उड़ा करते है . यहां से शुरू होती है उस नन्हें बच्चे की कठीन परीक्षा।
पक्षियो की दुनिया में इतनी कठीन ट्रेनिंग किसी दूसरे पक्षी की नहीं होती है . 12 किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद काफी ऊंचाई में पहुच कर मादा बाज़ अपने बच्चे को निचे छोड़ देती है . लगभग 2 किलोमीटर तक नीचे गिरते समय उस बच्चे को ये तक नहीं पता होता उसके साथ क्या हो रहा है . जब वह 7 किलोमीटर तक नीचे आ जाता है तो उसके जकड़े हुए पंख खुलने लगते है।
9 किलोमीटर आने पर बच्चे के पंख खुल जाते है और वो पहली बार पंख फड़फड़ाता है . लेकिन अभी पंख मजबूत ना होने की वजह से वह उड़ नहीं पाता है अब वह धरती के करीब आने लगता है अब वह जमीन पर लगभग गिरने ही वाला होता है तभी उसकी माँ उसे गिरने से पहले ही पकड़ लेती है और उसे बचा लेती है।
ये ट्रेनिंग हर दिन चलती है जब तक कि बाज़ का बच्चा उड़ना नहीं सीख जाता . यह ट्रेनिंग एक कमांडो की तरह होती है तब जाकर दुनिया को एक बाज़ मिल पाता है और फिर बड़े होने पर उसमें इतनी ताकत होती है कि वह अपने से 10 गुना वजनी प्राणी का शिकार कर लेता है . बाज़ कभी छत की मुंडेर पर नहीं उड़ते वे हमेशा आसमान की ऊँचाईयों में उड़ते है।
दोस्तों आज जीवन में अगर कठिनाई है , खराब परिस्थिति है , किसी की डेथ हो गई है , कोई छोड़ कर चला गया है या आप किसी काम में फेल हो गए तो उदास मत होइए भगवान भी आपको हालातों से लड़ने के लिए ट्रेनिंग दे रहे है और याद रखना जिस दिन ये ट्रेनिंग पूरी हो गई उस दिन आप इतने मजबूत हो जाएंगे कि आपको दुनिया की कोई भी ताकत हरा नहीं पाएगी और आप अपनी फील्ड में कामयाबी के वो झंडे गाड़ देंगे जो आज तक किसी ने नहीं गाड़े होंगे।
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© Ashish Morya