इश्क़ और जुनून
इश्क़ और जुनून की कोई इंतेहा नहीं होती
हर जगह हैं ख़ारज़ार, मगर परवाह नहीं होती
कर जाएं पार आग के दरिया भी खुशी खुशी
अगर इश्क़ जुनून की हद तक पहुँच जाए
इश्क़ को परवान...
हर जगह हैं ख़ारज़ार, मगर परवाह नहीं होती
कर जाएं पार आग के दरिया भी खुशी खुशी
अगर इश्क़ जुनून की हद तक पहुँच जाए
इश्क़ को परवान...