...

39 views

खूबसूरत पल गाँव मे
वैसे मुझे लिखना पसंद है मगर किस पर लिखूँ ये समझ नहीं आया .फिर वो खूबसूरत समय याद आया ! जब मैं अपनी शादी के तीन साल बाद पहली बार अपने गाँव यानि अपने ससुराल कुंजा गई। वैसे तो मैंने गाँव अपने बचपन मैं ही देखा है! फिर कभी मौका नहीं मिला जानें को! फिर इतने सालों बाद गई गाँव वो भी अपने ससुराल, वैसे तो मुझे बस मे जाना अच्छी नहीं लगती है फिर भी उस दिन खूबसूरत गाँव को देखने के लिये मैं उस दिन बस मैं बैठ गई !और निकल गई एक खूबसूरत सफर मे अपने हमसफर और छोटे से बेटे को लेकर सफर लम्बा तो था लेकिन इनसे बाते करते और इनके गाँव के बारे मे सुनकर समय कब बीत गया, पता ही नही चला कब रात गई और सुबह होगयी और बस रुकी ! फिर हम पनुवनौला पहुँचा गए, वाहा की खूबसूरत पहाड़िया , ठंडा मौसम सब इतना अच्छा था हम गाँव पहुँचा गये। वहाँ से सफर पैदल शुरू होता है फिर ऊपर नीचे रास्तों से हम घर की ओर चलने लगे बहुत थक गई मैं चलते चलते। इनसे पूछ बैठी कब तक चलना है वो हँसे और बोले, कि क्या इतनी चलते ही थक गयी अभी तो बहुत चलना है।हम फिर दिन तक घर पहुँच गये। वहां इनका घर है जो काफी समय से बन्द था गाँव मै बड़े ताऊजी रहते है और हमारी दीदी। फिर मैंने और मेरे बेटे ने आराम किया। शाम होते होते गाँव के लोग मिलने आये। जो मुझे बहुत अच्छा लगा।बातें करके ऐसा लगा जैसे पहले से सबको जानती हूँ फिर रात हुई जो इतनी अदभुत, शांत और आसमां में ढेर सारे तारों से सजी थी। दीदी के घर पिनआलू की सब्जी मडावे की रोटी , साथ में मस्त रायता। जिसको खाके पता चला क्यो
लोग गाँव जाना चहाते है अगले दिन हम तयार होने कर। वहाँ के बहुत प्रसिद् मंदिर जगेश्वर् गये। वो सफर भी पैदल किया हमने जो बहुत ही मजेदार था खूब घूमें हम उस दिन। फ़िर शाम होते होते हम सब घर आगये।
मैं बहुत चुकी थी फ़िर हमने खाना खाया और सो गए।
गाँव आज भी बहुत याद आता है। लेकिन जाने का वक़्त नहीं है। अपने कामों मे उलझ गए है हम सब की गाँव जाने के लिए भी समय नहीं निकाल पाते है।
@ sangeeta bisht negi
#storytelling
#myjourney