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रॉन्ग नंबर
#रॉन्गनंबर
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो ऐसे ही किसी का कॉल आया था वो भी तो
रॉन्ग नंबर ही था पर वो रॉन्ग नंबर कब राइट नंबर में बदल गया पता ही नहीं चला। उस दिन दोबारा कॉल आया इस बार किसी महिला ने बहुत धीरे से हेलो कहा आवाज ऐसी की कानों में मिश्री घुल रही हो। उस दिन के बाद से बातों का सिलसिला शुरू हो गया। धीरे धीरे बातों का सिलसिला मुलाकातों में फिर दोस्ती फिर प्यार में बदल गया। एक दिन अमित ने आरती के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। सब ठीक था दोनों पढ़े लिखे थे अच्छे परिवार से थे। अमित भी सरकारी नौकरी में था। पर मुश्किल थी तो दोनों की इंटरकास्ट होनेें की दोनों एक ही बिरादरी के नहीं थे।इसलिए घर वालों को मनाना बहुत मुश्किल था। पर प्यार के आगे कहां किसी की चली है।बहुत कोशिशों के बाद दोनों के परिवार वालों को मानना ही पड़ा। सबकुछ सही चल रहा था शादी के दूसरे ही साल उनकी जिंदगी में अवनि आई और उनका परिवार पूरा हो गया। दोनों अपने बनाए
दुनिया में बहुत खुश थे। पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक दिन पता चला आरती को कैंसर है जो की लास्ट स्टेज में है
इस बीमारी का पता इतनी देर से चला कि अब
कुछ भी कर पानें का वक्त ही न बचा। एक दिन अचानक आरती चली गई।पीछे छोड़ गई तो अमित को जो उसे जान से ज्यादा चाहता था और अवनि को जो आरती की जान थी।
आज आरती को गए ५ साल हो गए। पर आज
इस तूफ़ानी रात और उस रॉन्ग नंबर ने अमित को फिर अतीत में वापस ले गया।

© Tinki