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tarakeswar affair case (1874)
तारकेश्वर अफेर केस (1874) धारा 497 1PC ( किसी के साथ गलत काम करना या उससे सम्बंधीत कोई और गलत काम करनो इसके तहत ए सजा मिलना) और, पर का जुर्माना लगाकर तारकेश्वर मंदिर के महंत को सजा सुना दिगई। धारा 300 PC (किसी का कत्ल (यून)) करने पर सप्जा मिलना) और धारा 302 IPC के तहत नौबिन को सज़ा सुना दि गई।

इस कहानी की शुरुआत 19वि.शतापदी से होती है, बंगाल में एक गांव में एक परिवार रहता था। उस परिवार में एक आद‌मी अपनी बिवी और एक सौलाह साल की लड़की जो उसकी बेटी थी उसके साथ रहता था। वो आदमी एक बहुत बडा व्यापारी था, उसकी सौलाद साल सुन्दर बेदी एलोकेशी बेहद ही और आज्ञाकारी थी। ऐलोकेशी बेहद ही सुन्दर थी इसके कारण उसके माता पिता को ज्यादा तकलिफ इसके लिए रिश्ता से रिश्ते ऐलोकेशी फ नहीं ढूंढने में, लिए बहुत आते रहते थे। यह कहानी उस समय की है जहाँ लड़की के 12-13 साल की उम्त में ही रिश्ते ते हो जाते है| ऐलोकेशी जो की अब सोलह साल की थी, उसकी शादी एक नोबिन नाम के लड़‌के से हो चुकी थी | नोबिन एक जवान और रहीस इसान था मिलिट्री उसका काम था।

ऐलोकेशी और नोबिन की शादी हो जाती है वो दोनो शादी से पहले एक दूसरे को नहीं जानते थे। उस समय मे लड़का-लड़की की को जाने बगैर, पहचाने बगैर, देखे बगैर हो जाती थी। नोबिन ने ऐलोकेशी को देखा यह जानकर बहुत खुशी हुई की उसकी बिवी बहुत ही सुन्दर है। शादी को एक बरस बित चुका था पर ऐलोकेशी अभी तक माँ नहीं बनी थी, यह जानकर पड़ोस की औरते उसे बाँज कहने लगी थी। यह सब सुनकर उसे बहुत बुरा लगता नोबिन उसे दिलासा देते हुए कहता कोई बात नहीं लोग कहते हैं तो कहने दो हमे फर्क नहीं पड़‌ना चाहीए । इस बात को बहुत दिन बीत गए। फिर कुछ दिन बाद एलोकेशी को गांव की कुछ औरोतों से पता चला की तारकेश्वर में एक मंदिर महत है जो बॉज औरतों का इलाज करते है और उनकी कोख भर देते हैं।
यह बात एलोकेशि नोबिन को बताती है और उससे महंत से इलाज कराने की इजाज़त मांगती है। नोबिन भी उसे इजाजत है देता है। फिर वो उसे उसके पिता के पास तरकेश्वर् छोड़ अपने काम के लिए एक महीने के लिए चला जाता है। ऐलीकेशी तारकेश्वर मंदिर के महंत के पास अगले दिन इलाज का कराने जाती है। । उस मंदीर का महंत ऐलोवेशी को देखकर उस में खो जाता है। महंत ऐलोकेशी को मंदिर् के पास जो उसका कमर होता है वहाँ ले जाता है और जिसके साथ ऐलोकेशी आई थी उस रिश्तेदार को बाहर ही रूकनी को बोलता है। महंत ऐलोवेशी को दवा में बेहोशी की दवा मिलाकर उसे देता है उसे पिते ही एलोकेशि बेहोश हो जाती है। उस समय का फायदा उठाकर महत, ऐलोकेशी के साथ गलत काम करता है। एलोकेशि को होश आता है जब तक तक महंत अपना काम कर चुका होता है। वो कहती है की वो सबको उसकी असलियत बता देगीकी महंत उसे कहता है अगर तुम ऐसा करोगी तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा। ऐलोकेशी डर जाती है और उसकी बात मान जाती है और उसकी और घर चली जाती है| उस दिन के बाद महंत ऐलोकेशी को एक बार फिर बुलाता साथ गलत काम करता नहीं वो कुछ नहीं कहपाती और उसके साथ यह सब हो जाता है और वो किसी को कुछ भी नहीं बताती । धीरे-धीरे ऐलोकेशी को भी महंत को पसंद आने लगता है और ऐलो केशी उसके घर आने-जाने लगी। ऐलोकेशी हर शाम महंत के घर जाती और सब देखकर लोगों को बोलने का मौका मिल गया|

24amay 1873 मिलने कुमरूल आता है जब वो गांव में कदम रखता है तो सब उसे नामर्द बुलाते लगते है और उस पर हस है, उसे कुछ समझ नहीं आता वो आगे चलता जाता है, फिर कुछ दूर जाकर कुछ लोग उसे मिलते जो उसे यहू बताते है की एक महीने से महंत और तुम्हारी बिती कुछ के बिच कुछ चल रहा वो उसे बताते है। वो. अपनी बिवी से कहता है है, और है। वो घर जाकर यह में क्या सुन रहा है मंदीर के रहा है। तुम्हारा चक्कर चल रहा महंत के साथ, वो यह सुनकर नोबिन के कदमों गिर जाती Date है और उससे माफी मंगवे लगती है। नोबिन ऐलोकेशी से बहुत था जिसके कारण और बोलता है प्रेम करता वो उसे माफ कर देता है। हम यहाँ से बहुत दूर एलोकेशी 'चले जाएँगे दूर च माना जाती है और अगले दिन नोबिन और ऐलोकेशी जाने के लिए खाना होने लगते हैं। भेजे कुछ लोग आजाते तभी महंत के है और माऊ उन है जिसकी दोनो को जाने से रोकने लगते हैं, वजह से छ। उन लोगो के बिच मृतभेड हो और इस मृत भेड़ में ऐलोकेशी का गला ब और सभी लोग महंत के बोती से काट देता है। दूर हठ जाते हैं, और महंत के भेजे लोग भी भाग जाते है|

इस केस की सुन‌वाई हुगली कोर्ट में होती है। कोट में नौबिन के किएको पगल पन में आकर करार कर दिया नियंत्रण में नहीं था जिसकी वजह से उसने पागलपन में आकर अपनी बिवी ऐलोकेशी का कतल कर देता है। वो है इस स्थिती से निकलता तो वो खुद को पुलिस के हवाले कर देता है| इस केस में दो ट्राएलू हुए थे। पहले ट्राइल में नोबिन पागल है या नहीं, क्या नोबिन को मालूम था की वो गलत कर रहा है या नहीं| इस पर सुनवाई हुई हाई कोर्ट को यह केस दे दिया या गया था और नोबिन धारा 302 के तहत उसे सजा सुना दि गई और यह फैसला हुआ की उसने जो किया वो अपने गुस्से, नफरत जलन, और दुख में आकर किया जिसकी वजह से यह सिद्ध हो गया की वो पागल नहीं है|

दूसरे ट्रेल में नोबिन और ऐलोकेशी की शादी हो चुकी है या नहीं, क्या एलोकेशि और महंत के बीच जो संबंध बना उसका कई सबूत है या नहीं, कोट ने ब्रिटीश इंडीया के कानून् में अडलटरी एक बड़ा अपराध है। ऐलोवेशी और महत के बिन में संम्बंध थे यह भी सिद्ध हो गया, कुछ लोगों की गवाई भी ली गई उनहोने ऐलोकेशी को महंत के घर आते-जाते देखा है। किसी के साथ गलत काम करना गलत है इस वजह से महंत को तीन साल की जेल और २००० का जुरमाना लगाया गया नोबिन को भी जेल हो गई थी उसके समर्थन में कुछ उपरी जाती के लोगो ने अभीयान चलाया और नोबिन को चूड़वाने के लिए अभीयान चलाया और उसके समर्थन में 10,000 से भी ज़्यादा लोगो ने हस्ताक्षर किये इस दोरान महंत भी रिहा हो चुक था | हाई कोर्ट को लोगो की अर्ज़ी मन्नि पड़ी और नोबिन को रिहा कर दिया गया|
© कृष्ण ही ज़िंदगी है