...

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मेरी जीवनसंगिनी
हर रंग है उसमें,चुलबुली भी बहुत ,
है और नखरे भी बहुत दिखाती है।

अपनी हर एक कातिल अदाओं से ,
वह मुझे अपना दीवाना बनाती है।

कभी गुस्सा भी बहुत करती है मुझ ,
पर कभी प्यार भी बहुत जताती है।

कभी जानबूझकर ही रूठ जाती है ,
मुझसे और कभी मुझे बहुत सताती है।

कभी भटक जाता हूॅं अपनी राहों से,
तो वो मुझे रास्ता भी दिखाती है।

मेरे साथ साथ वो मेरे परिवार का भी,
बहुत ही अच्छे से ख़्याल रखती हैं।

एक माॅं की तरह हमेशा ही मेरे साथ ,
वो हमेशा मेरा साया बनके चलती है।

मेरे सुख और दुख में हमेशा ही मेरे ,
वो कंधे से कंधा मिलाकर चलती है।

सहनशीलता की मूर्त है,मेरी गलतियों ,
को हमेशा ही वो अनदेखा कर देती है।

अपने धैर्य के आगे वह मेरे आए हुए ,
गुस्से को भी प्यार से शांत कर देती है।

हर तरफ से ही परिपूर्ण है वो जो मेरी ,
जान और मेरे इस दिल में बसती है।

मेरी जीवनसंगिनी है वो कभी गुस्सा,
तो कभी अपना प्यार मुझमें बरसाती है।

हर रंग है उसमें ,चुलबुली भी बहुत है ,
और नखरे भी मुझे बहुत दिखाती है।

अपनी हर एक कातिल अदाओं से ,
वह मुझे अपना दीवाना बनाती है।