भगवान का सूटकेस
मृत्यु के बाद एक आदमी ने देखा कि भगवान उसके पास आ रहे हैं और उनके हाथ में एक सूट केस है। भगवान ने कहा "पुत्र चलो अब समय हो गया।" आश्चर्यचकित होकर आदमी ने जबाव दिया "अभी इतनी जल्दी ? अभी तो मुझे बहुत काम करने हैं। मैं • क्षमा चाहता हूँ किन्तु अभी चलने का समय नहीं है। आपके इस सूट केस में क्या है ?" भगवान ने कहा "तुम्हारा सामान ।" आदमी ने कहा "मेरा सामान ? आपका मतलब है कि मेरी वस्तुएं, मेरे कपडे, मेरा धन ? "
भगवान ने प्रत्युत्तर में कहा "ये वस्तुएं तुम्हारी नहीं हैं। ये तो पृथ्वी से सम्बंधित हैं।" आदमी ने पूछा "मेरी यादें?" भगवान ने जबाव दिया "वे तो कभी भी तुम्हारी नहीं थीं। वे तो समय की थीं।" "फिर तो ये मेरी बुद्धिमत्ता होंगी?" भगवान ने फिर कहा "वह तो तुम्हारी कभी भी नहीं थीं। वे तो परिस्थिति जन्य थीं ।" "तो ये मेरा परिवार और मित्र हैं?" भगवान ने जबाव दिया "क्षमा करो वे तो कभी भी तुम्हारे नहीं थे। वे तो राह में मिलने वाले पथिक थे।" "फिर तो निश्चित ही यह मेरा शरीर होगा ?" भगवान ने मुस्कुरा कर कहा "वह तो कभी भी तुम्हारा नहीं हो सकता क्योंकि वह तो राख है।" "तो क्या यह मेरी आत्मा है?" "नहीं वह तो मेरी है, भगवान ने कहा । "
भयभीत होकर आदमी ने भगवान के हाथ से सूट केस ले लिया और उसे खोल दिया यह देखने के लिए कि सूट केस में क्या है। वह सूट केस खाली था। आदमी की आँखों में आंसू आ गए और उसने कहा "मेरे पास कभी भी कुछ नहीं था। भगवान ने जबाव दिया "यही सत्य है। प्रत्येक क्षण जो तुमने जिया, वही तुम्हारा था। जिंदगी क्षणिक है और वे ही क्षण तुम्हारे हैं।"
© "the dust"
भगवान ने प्रत्युत्तर में कहा "ये वस्तुएं तुम्हारी नहीं हैं। ये तो पृथ्वी से सम्बंधित हैं।" आदमी ने पूछा "मेरी यादें?" भगवान ने जबाव दिया "वे तो कभी भी तुम्हारी नहीं थीं। वे तो समय की थीं।" "फिर तो ये मेरी बुद्धिमत्ता होंगी?" भगवान ने फिर कहा "वह तो तुम्हारी कभी भी नहीं थीं। वे तो परिस्थिति जन्य थीं ।" "तो ये मेरा परिवार और मित्र हैं?" भगवान ने जबाव दिया "क्षमा करो वे तो कभी भी तुम्हारे नहीं थे। वे तो राह में मिलने वाले पथिक थे।" "फिर तो निश्चित ही यह मेरा शरीर होगा ?" भगवान ने मुस्कुरा कर कहा "वह तो कभी भी तुम्हारा नहीं हो सकता क्योंकि वह तो राख है।" "तो क्या यह मेरी आत्मा है?" "नहीं वह तो मेरी है, भगवान ने कहा । "
भयभीत होकर आदमी ने भगवान के हाथ से सूट केस ले लिया और उसे खोल दिया यह देखने के लिए कि सूट केस में क्या है। वह सूट केस खाली था। आदमी की आँखों में आंसू आ गए और उसने कहा "मेरे पास कभी भी कुछ नहीं था। भगवान ने जबाव दिया "यही सत्य है। प्रत्येक क्षण जो तुमने जिया, वही तुम्हारा था। जिंदगी क्षणिक है और वे ही क्षण तुम्हारे हैं।"
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