लड़कियां
लड़कियां कुछ नासमझ लोगों के हिसाब से देखा जाए तो सिर्फ़ नाज़ुक,कोमल ,मासूम सी,बेकल होती हैं लड़कियां
इनके अलावा भी उनमें बहुत गुण होते हैं
वो होती हैं सक्षम अपना दर्द अपनो से ही छिपाने में
वो होती हैं मजबूत अपने सबसे कमज़ोर समय में
वो मुस्कुराती हैं जहां रोने को जी चाहता हैं
वो मौन धर लेती हैं कई बार जहां शोर मचाना होता हैं
वो हार मान लेती हैं जहां उन्हें जीतना होता हैं
वो त्याग देती हैं जहां उन्हें छीनना होता हैं
वो कर जाती हैं वो सब जो वो कभी करना नहीं चाहती
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इनके अलावा भी उनमें बहुत गुण होते हैं
वो होती हैं सक्षम अपना दर्द अपनो से ही छिपाने में
वो होती हैं मजबूत अपने सबसे कमज़ोर समय में
वो मुस्कुराती हैं जहां रोने को जी चाहता हैं
वो मौन धर लेती हैं कई बार जहां शोर मचाना होता हैं
वो हार मान लेती हैं जहां उन्हें जीतना होता हैं
वो त्याग देती हैं जहां उन्हें छीनना होता हैं
वो कर जाती हैं वो सब जो वो कभी करना नहीं चाहती
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