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टीचर
#टीचर
एक छोटे से शहर में पांडेपुर मोहल्ले में एक छोटा सा परिवार रहता है।जो की एक मध्यम वर्गीय परिवार है। उसे परिवार में सोहन लाल उसकी पत्नी और उसके दो बच्चे साथ में रहते हैं।सोहनलाल का बेटा शैलेंद्र पढ़ने में बहुत ही होशियार होता है।जो कि अपनी टीईटी की परीक्षा की तैयारी कर रहा होता है। टीईटी की परीक्षा का डेट शीट निकल जाती है।और शैलेंद्र टीईटी का पेपर देने के लिए वहां चला जाता है, जहां उसका सेंटर आया होता है। फिर वह टीईटी के परिणाम के आने का इंतजार करता है।
शैलेंद्र का शुरू से ही एक सपना रहा ,कि वह बड़ा होकर एक अच्छा शिक्षक बनेगा और बच्चों को पढ़ाऐगा। फिर शैलेंद्र ने खूब मेहनत और लगन से टीईटी परीक्षा की तैयारी की और टीईटी की परीक्षा का एग्जाम दिया। बस अब शैलेन्द्र टीईटी परीक्षा का परिणाम आने का इंतजार था।
आज टीईटी का परिणाम घोषित हुआ है, शैलेंद्र भी पास हुए है। शैलेंद्र की हुई इतनी मेहनत आज रंग लाई ,और शैलेंद्र टीईटी की परीक्षा में पास हो गया।शैलेंद्र के घर में खुशी का माहौल होता है। शैलेंद्र के पिता अपने खुशी को सबके साथ जाहिर करते हैं। तभी मोहल्ले वाले कहते हैं कि वो क्या है पांडेयपुर मोहल्ले में जनरल कास्ट का लडका एक ही बार में वो भी बिना किसी घूंस के पास हुआ है, यह कोई कम बात थोरे ना है जी!
शैलेंद्र बहुत खुश है ,की अब वो अपने तरीके से बच्चों को इतिहास की सैर करवाएंगे। फिर शैलेंद्र को एक अच्छे से स्कूल में नौकरी मिल जाती है।जहां पर वो बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। शैलेंद्र बच्चों को एक नए ढंग तरीके से सब कुछ सीखना चाहता हैं।वह बच्चों को इतिहास के बारे में अच्छे से जानकारी देना चाहता हैं। जो वह उन्हें अपने तरीके से समझ कर देना चाहता थे।ता जो कि बच्चे हमारे देश के इतिहास के बारे में बहुत अच्छे से जान सके।