...

37 views

टेस्ट क्रिकेट का मसीहा: राहुल द्रविड़
एक क्रिकेटर जो क्रिकेट के भगवान से पहले बल्लेबाजी करने आता था...
एक क्रिकेटर जो 160 किलोमीटर/घण्टे से आ रही गेंद को अपने पैरों के पास ही रोक देता था...
एक क्रिकेटर जिसने 22 गज की पिच पर दुनिया के किसी भी बल्लेबाज की तुलना में सबसे अधिक वक्त गुज़ारा है...
एक क्रिकेटर जिसने लोगों में यह विश्वास भरा कि चाहे पूरी टीम ही क्यूँ न आउट हो जाए लेकिन ये बन्दा खड़ा रहेगा...
एक क्रिकेटर जिसे सही मायने में जेंटलमैन कहा जा सकता है...
एक क्रिकेटर जिसे सिर्फ मैदान पर कभी नाराज़गी जताते हुए नहीं देखा गया...
एक क्रिकेटर जिसने आईपीएल की कोचिंग को ठुकरा कर इंडिया-ए और इंडिया अण्डर-19 टीम का कोच बनकर भारतीय टीम की जड़ों को मजबूत करना बेहतर समझा...
एक क्रिकेटर जिसे वन में 10000 से अधिक रन बनाने के बावजूद कभी छोटे फॉर्मेट का खिलाड़ी नहीं माना गया...
एक क्रिकेटर जिसके नाम का स्टैंड नहीं बल्कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर एक दीवार है जिस पर लिखे तीन शब्द उन्हें पूर्णतः परिभाषित करते हैं वो शब्द हैं कमिटमेंट, क्लास और कंसिसटेंसी...किसी भी खिलाड़ी के लिए या आम जीवन में भी ये तीन शब्द आपको सफलता के एक नए सोपान पर ले जा सकते हैं,
एक क्रिकेटर जिसके बारे में क्रिस गेल ने कहा था कि ये खिलाड़ी मेरी तरह आक्रामक पारी तो खेल सकता है लेकिन मैं इसकी तरह बिल्कुल भी नहीं,
एक क्रिकेटर जिसे बहुत कुछ मिलना चाहिए और उसे कुछ नहीं मिला,
एक क्रिकेटर जिसने टीम की परिस्थिति को देखकर हर तरह की भूमिका स्वीकार की...👍
#हैप्पी_बर्थडे_द्रविड़