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वो घटना...😱 भाग -4
रात भर नींद ना आने के कारण सुबह तड़के ही उठ गया और सारे काम करके नहा धोकर नाश्ता करके बैठ गया। फिर ठंडा पानी लाने के लिए ताऊजी ने मुझे कहा कि उस स्रोत से लेकर आ जाना। मैं ये तो भूल ही गया था कि वो स्रोत भी उसी गांव के ऊपर वाले रास्ते में पड़ता है और मैं मस्ती से भूलकर बेसुध होकर चल दिया, जैसे ही मैं अपने गांव के आखिरी घर की सीमा पार की वहां जो रास्ता था वहां सुबह शाम कोई भी पहर हो डर ही लगता था। और मैं ये सोचते हुए जा रहा था कि सुबह कहां कुछ आता है और मैं आगे बढ़ने लगा, जैसे ही मैं उस रास्ते के बीच पहुंचा तो ऊपर से किसी से पत्थर फेंका वो भी दो तीन बार, पर एक भी पत्थर ज़मीन पर नहीं गिरा और उस समय मैं बेखबर था कि भूत प्रेत या आत्मा का फेंका हुआ पत्थर या कोई भी चीज़ ज़मीन पर नहीं गिरती। और मैं वो सब अनदेखा करके पहुंच गया पानी लेने के लिए और वहां एक दम सन्नाटा बिल्कुल सुनसान हो रखा, पानी के गिरने की आवाज़ दूर से ही सुनाई पड़ती थी। मैंने पहले पानी पिया और फिर बर्तन पानी भरने के लिए लगा दिया और पास ही में एक बड़े से पत्थर पर बैठ गया और बर्तन के भरने का इंतज़ार करने लगा। फिर अचानक से ऊपर आम के पेड़ पर कुछ गिरने की आवाज़ आई और बहुत भयंकर आई पर ताज्जुब की बात ये थी कि वहां से भी वो चीज़ पेड़ पर गिरी पर नीचे ज़मीन पर नहीं गिरी। अब तो मुझे भी डर लगने लगा था और जल्दी से बर्तन भरकर मैंने सीधा कंधे पर रखा और घर जाकर ही दूसरी सांस भरी। आगे क्या हुआ....☺️

शेष कहानी अगले भाग में....

© विकास - Eternal Soul✍️