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मै अपराधी नहीं हूँ !!!! (pt-3)
आज या तोह आर नहीं तोह पार.......

मेरी problem बाबा दारू पीते है ये नहीं थी, दारू पीकर जो तमाशा करते है ये थी. हमेशा सताते, गालिया देते, और हम अगर उनको कुछ कहे तोह आत्म्यहत्या करने की धमकी देते थे. लेकिन ये बात हमारे लिए नयी नहीं थी. सबको मालूम था की ये बाबा नहीं दारू बोल रही है. उस रात बाबा बाकी दीनो से ज्यादा दारू पीकर आये थे. और ये बात मुझे पता चल गयी थी. मै खुदको समजा रहा था,शांत रहने की कोशिश कर रहा था ताकि कोई बड़ा हंगामा ना हो. मैंने अपने earphone लगा लिए थे. लेकिन जो होना है उसे कौन ताल सकता है. मैने खुदको कमरे मे बंद कर लिया. लेकिन मेरा कमरा ज्यादा देर बंद नहीं रहेना चाहता था. मुझे हंगामा सहन नहीं हुआ, मै बाहर आया और बाबा की और दौड़ पड़ा. मुझे दौड़ाता हुआ देख कर आई ने मेरा हाथ पकड़ा और उल्टा मुझे ही मारा. पहले के 5-6 सेकंड मै शॉक मे था. क्या हुआ. "नालायक अपने बाप को मारने जा रहा था ", आई ने कहा. मेरे अंदर का घुस्सा खतम नहीं हुआ था, उसे एक नयी राह मिल गयी थी. मै आई पे भड़क उठा और चुप-चाप अपने कमरे मे गया. मुझे याद है उस रात मैंने खाना नहीं खाया था. खुदको को कमरे मे बंद कर लिया था. रात के 12:30 बजे थे घर मे सब सोये थे सिवाय मेरे. मै लेते लेते सोच रहा था आई मुझे थप्पड़ क्यू मारा, इतने मे मेरी नज़र आई के कमरे की ओर गयी, बाबा थे वहा. बाबा हमेशा living room मे सोते थे. वोह पहले आई के कमरे मे गए ओर फिर मेरे कमरे मे आये. मै सोने का नाटक कर रहा था, लेकिन चौक्कना भी था. बाबा फिर कुछ मिनट बाद चले गए. ये जोह कुछ भी हुआ ये अजीब था. पहले कभी बाबा ने ऐसा बर्ताव नहीं किया था. मेरी नींद उड़ चुकी थी. कुछ देर बाद मैं पानी पीने के लिए उठा.जाते वक्त पहिले आई के कमरे मे झाक कर देखा. वहा पर आई और बहन सो रही थी. फिर livin room की तरफ देखा. बाबा ने पंखे पर लटक के आत्म्यहत्या कर लि थी.


© S.R.B.
4th part will come tomorrow don't forget to check

if you haven't read part-1,2 plz check it out first.