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गर्मियों की छुट्टियां😰
💃#गर्मियों की छुट्टियां💃

बात बहुत पुरानी है।शाम का समय था। हवा बड़ी जोरों की चल रही थी।और पहाड़ों में रात बहुत जल्दी हो जाती है।
हम लोग सब शाम का डिनर करके के बैठे हुए थे।सुनसान सा माहौल, हमारा कमरा मम्मी पापा के कमरे से लगा हुआ होने के कारण, उनकी खिड़की हमारे कमरे की तरफ खुलती थी।
उस समय मुझे नॉवेल पढ़ने का बहुत शौक था ।और मैं अपने नॉवेल पढ़ने में ब्यस्त थी।
इतने में पापा की धीरे-धीरे आवाज मेरे कानों में गूंजी, वे कह रहे थे, क्यों ना इस गर्मियों की छुट्टियों में हम बच्चों को बाहर घूमा लाएं।उन्होंने ने कभी हमारा देश देखा नही है। यह सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा। ट्रेन में बैठने के सपने ,

क्योंकि हम लोग कभी ट्रेन में बैठे ही नहीं, ट्रेन में बैठने के सपने ने जैसे मेरे आंखों से नींद ही छीन ली। रात भर आंखों में नींद ही नहीं आई, यह सोचते -सोचते कब सुबह हो गई पता ही नहीं चला।
जब तक सूर्य की किरणों ने खिड़की से झांक कर मुझे दर्शन न दे दिया। सुबह जब नाश्ते की टेबल पर बैठे, पापा के मुंह से सुनने के लिए कान तरस रहे थे कि कब हम घूमने जाएंगे।
आखिरकर पापा ने नाश्ते के समय कह ही दिया, अगली सेटरडे को हम लोग सब मंडी आदमपुर के लिए चल रहे है।
यह सुनकर हम सब लोगों का खुशी का ठिकाना ना रहा ।हम लोग बहुत खुश हुए। और जाने की तैयारी में लग गए।
जल्द ही वह दिन भी आ गया जिस दिन जाना था।
जैसे तैसे गाड़ी में बैठे अपने आस पड़ोस वालों से विदा लिया।
इस तरह घूमने की खुशी झलक रही थी और दूसरी तरफ सबसे बिछड़ने का गम।
जैसे तैसे अपने आप को संभाला, हमारे घर से स्टेशन आने में साढ़े 3 घंटे लगते हैं, साढ़े 3 घंटे बाद स्टेशन आया।
हम सब ने मिलकर थोड़ा-थोड़ा सामान उठाया, प्लेटफार्म पर पहुंचे, काफी इंतजार के बाद ट्रेन आई।
हम सब धीरे-धीरे ट्रेन में बैठे समान जमाया, पहली बार देखे थे इतने लंबी ट्रेन जिसमें हजारों लोग सफर कर रहे थे।
ट्रेन में बैठकर बहुत मजा आ रहा था, ना काम की चिंता ना पढ़ाई का जोर, पहली बार ऐसा लग रहा था,जैसे हवा में उड रहे हैं।
ठंडी-ठंडी हवा का झोका बार-बार हमारी जुल्फों को चिड़ियों का घोसला जो बना रहा था।
जितना सुलझाते, फिर हमारी जुल्फें उतना ही ऊलझ जाती,
इसी बीच बार-बार चाय वाले की आवाज कभी ट्रेन की सीटी मानो लग रहा था जैसे कुकर की सीटी बज रही हो।
इन सब मैं ,ऊलझते सुलझते पता ही नहीं चला कब स्टेशन आ गया, हम सब स्टेशन से ऊतर कर घर पहुंचे।
हमें देकर सब लोग बहुत खुश हुए।हम सभी नहा-धोकर तैयार हुए, फिर ताउजी हमें अपनी आइसक्रीम फैक्ट्री दाल मिल घुमाने ले गए।
वहां उन्होंने हमें बहुत सारी चीज़े बताई की दाल के छिलके दाल से कैसे अलग होते ,आइसक्रीम कैसे बनती है। एक एक चीज के बारे में उन्होंने बताया, हम घूम फिर कर घर आए।
तो देखा चाची जी ने हमारे लिए मीठे चावल बनाए थे।तो हमने चाची जी से कहा इस समय मीठे चावल, उन्होंने हमें समझाया राजस्थान में कोई भी मेहमान आता है तो मीठे चावल ही बनाए जाते है। यहां रोज चावल नहीं बनते।
वहां पर मैंने देखा जो भी काम करने वाली आती है ।पूरी हाथों में कलाई से लेकर कंधो तक हाथी दांत के चूड़ी पहनी रहती है।
ऐसे लगता है जैसे कोई घर की सीठानी हो,बाई मतलब (कामवाली )तो कहीं से लगती नहीं है।
उसी रात हम लोग सबसे विदा ले कर जयपुर के लिए निकल गए, जयपुर पहुंचकर हम सब ने थोड़ा रेस्ट किया ।जयपुर घूमने निकल गए, वहा हमने जलमहल देखा, हवा महल, किले ,म्यूजियम, लेकिन हमें सबसे ज्यादा मजा जलमहल में आया। वहां पर हम हाथी में बैठे, और जब हाथी ठुमक ठुमक चलता है तो हम सारे हंस-हंस के लोट पोट हो गए इतना मजा आया, वहां की कारीगरी वहां का राजस्थानी डांस, सब ने हमारे मन को मोह लिया, और हां हम लोगों ने राजमंदिर पिक्चर हॉल में पिक्चर भी देखी।
राजमंदिर पिक्चर हॉल की जीतनी तारीख की जाए कम है, इतना सुंदर इतना प्यारा जिसकी तारीफ करना मुश्किल है, आप कभी भी जयपुर जाय राजमंदिर पिक्चर जाना ना भूले।
पूरा गुलाबी शहर रात को तो इतना सुंदर लगता है , जब लाइट जलती है, रेत के टीले ,वहां का खान पान वहां की बोली बहुत ही मजेदार, और सब एक भाषा राजस्थानी में बात करते हैं।
जयपुर मूर्तियों के लिए बहुत मशहूर है।
जगह जगह लाख की बनी हुई रगबिरंगी चूड़ियां लहर दार लेहंगा साड़ियां से पूरा बाजार सजा हुआ, इसलिए शायद बोलते हैं ,म्हारा रंग बिरंगा राजस्थान। ऊंट की सवारी,वाह मजा आ गया धूम कर।
आज भी सोचती हूं वहां की प्यारी प्यारी यादें याद करती हूं ऐसा लगता है मेरे आंखों के सामने सब चल रहा है बहुत याद आती है, ऐसी घूमते फिरते कब हमारी छुट्टियां खत्म हो गई पता ही नहीं चला, और घर वापस आने का समय हो गया।
लेकिन वो यादें हैं कि आज भी जहन में बैठी हुई है, भुलाए नहीं भूलती, जब भी जयपुर का नाम आता है यादें ताजा हो जाती है, वहा के लोग वहां बिताएं हुआ दिन भुलाए नहीं भूलते।

#दीप्तिगर्ग#दिलकीकलमसे💝