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लेखक की अहमियत
संसार में हर कोई कुछ न कुछ बनना चाहता है। कोई डॉक्टर, अध्यापक या फिर कुछ और। पर जब किसी ने कहा कि वो लेखक बनेगा तो लोग उसे कहते कि क्या रखा है लेखक बनने में, लेखक तो हर कोई बन सकता है। तो कोई और पेशा चुनो। बस यही कह कर उसे निराश कर दिया जाता है। तो उन सब सवालों के जवाब अब सुने और जाने कि क्या है लेखक की अहमियत।
हर एक पेशा अपने आप में ही कोई न कोई खूबी अवश्य रखता है उसी प्रकार लेखक का पेशा भी एक ऐसा पेशा है जो इस संसार से थोड़ा अलग है। एक लेखक को लिखने से पहले अपने मन में कई विचार लाने पड़ते है। उसे अपने विचारो की दुनिया में खो जाना पड़ता है। ताकि वो पाठको को एक बेहतर लेख प्रस्तुत कर पाए। उसके लिखने से ही कई लोगो के चेहरों पर विभिन्न भाव आते है और वे भी अपनी भावनाओं को समझ पाते है।
किसी को प्रोत्साहित करने के लिए या उसे सही दिशा दिखाने के लिए या फिर किसी के मनोरंजन के लिए एक लेखक लिखता है। उन प्रस्तुतियों को पढ़ कर पाठक अपने कई भावो को जान पाते है और उन्हें समझ पाते है। इन्ही प्रस्तुतियों के कारण ही तो किसी को अपने अकेलेपन में कोई साथी मिल जाता है। कोई अपना ही नया संसार बना लेता है।
लेखक अपने विचारो से नई नई प्रस्तुतियों का निर्माण करता है। उन प्रस्तुतियों को पढ़ कर पाठक आनंदित हो उठते है। इन्ही के बावजूद तो किसी को अपनी समस्याओं का समाधान मिल जाता है और किसी को नई राह और किसी को प्रोत्साहन मिल जाता है। और इस सब के पीछे कौन होता है, एक लेखक।
अतः एक लेखक भी अपनेआप में एक पहचान रखता है। इसलिए इस पेशे को भी हमे समझने और जानने की जरूरत है। ताकि इसे भी एक मुख्य पेशे के रूप में भी देखा जाए।
धन्यवाद।
© Mohit