क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सिर्फ मुसलमानों के लिए हैं?
क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अभिव्यक्ति की आज़ादी सिर्फ मुसलमानों के लिए हैं आज ये प्रश्न हर हिंदुस्तानी के मन में उठ रहा हैं हमारे देश का संविधान हर नागरिक को समान अधिकार देता हैं हर नागरिक को बोलने की और उसकी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने कि आजादी देता हैं ऐसा हमारे भारत के महान संविधान में लिखा हुआ हैं लेकिन अभिव्यक्ति की आज़ादी आसान शब्दों में बोलने की आज़ादी ये भारत मे रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए कही गयी हैं लेकिन कुछ समय से लग रहा हैं कि ये सिर्फ मुसलमानों के लिए हैं कि उन्हें ही बोलने की आज़ादी हैं अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने की आज़ादी हैं।
आखिर ये बात क्यूँ उठ रही हैं इसका सबसे बड़ा कारण अभी कुछ दिनों में घटित हुई घटनाओं से इसका आकलन लगाया जा सकता हैं जैसे CAA को लेकर आंदोलन CAA में कही भी ये नही लिखा हुआ हैं कि भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीनी जाएगी या उन्हें भारत से निकला जाएगा अपितु ये तो नागरिकता देने वाला कानून हैं लेकिन कुछ तथाकथित मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों ने देश के मुसलमानों को इस कदर भड़काया इस कदर उनका माइंड डाइवर्ट किया कि...
आखिर ये बात क्यूँ उठ रही हैं इसका सबसे बड़ा कारण अभी कुछ दिनों में घटित हुई घटनाओं से इसका आकलन लगाया जा सकता हैं जैसे CAA को लेकर आंदोलन CAA में कही भी ये नही लिखा हुआ हैं कि भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीनी जाएगी या उन्हें भारत से निकला जाएगा अपितु ये तो नागरिकता देने वाला कानून हैं लेकिन कुछ तथाकथित मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों ने देश के मुसलमानों को इस कदर भड़काया इस कदर उनका माइंड डाइवर्ट किया कि...