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इश्क़ दा वार1992 पार्ट-2
पार्ट-2

ये इश्क़ का सफर था जो रफ्ता रफ्ता अपनी मंज़िल की तरफ दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा था मनु और अनु के कदम तेजी से एक दूसरे सें मिलने के लिए रोज की तरह आज भी बढ़ चुके थे... नज़रों सें नज़रे मिलने की तय और एक मुकम्मल जगह पर मनु पहले सें ही पहुंच चुका था मनु का मन और दिल बेचैनीं और इंतज़ार की वेसब्री सें भरा हुआ था उसकी नज़रे अनु के आने वाली सडक की तरफ टिकी हुई थी मन की उकलाहट मनु के शरीर में अजीब सी सिरहन को पैदा कर रही थी.... एक एक पल उसे घंटे भर के लग रहे थे... मनु की बेचैनी वक़्त दर वक़्त बढ़ती ही जा रही थी...

वही अनु के तेज़ क़दमों की चाल मंज़िल की कुछ दुरी पर पहुंचते पहुंचते लड़खड़ाने से लगे थे ....अनु के दिल की धड़कने तेज़ होने लगी थी... एक मन कर रहा था कि ना बोलू... फिर ख्याल आता लेकिन कब तक... यही सोचते सोचते अनु अपनी धुन में चली जा रही थी तभी जावेद ने आकर उसे एकदम सें चौका दिया था जावेद की इस हरकत सें अनु एकदम चौक सी गयी थी और संहलते हुए वो जावेद पर विफर कर बोली थी

ओफ... जावेद... तू अपनी इन हरकतों से कब बाज़ आएगा...?
अनु का चेहरा जावेद की इस हरकत सें तमतमाने लगा था...
इतना गुस्सा क्यों... अनु.. मैंने तो सिर्फ तुझे सरप्राइज किया .
देखो जावेद तुझे पता हैं मुझें ऐसी हरकते बिलकुल भी पसंद नहीं हैं.. मैं पहले ही बोल चुकी हूं तेरे सें मुझें कोई मतलब नहीं....अगर तुम मुझें इस तरह परेशान करोगे तो में तुम्हारी शिकायत प्रिंसिपल मेम से कर दूंगी... अनु ने जावेद को वार्निग देते हुए कहा था..
अनु का जबाब सुनते ही जावेद के चेहरे की कुटिल मुश्कान एकदम स्पाट हो चली थी... और वो अनु सें बिना कुछ कहे तेज़ क़दमों से अनु के पास से चला जाता है... उसे जाता देख अनु राहत की सांस लेती है... और वो मन ही मन बड़ बड़ाने लगती है... कमीना... कुत्ता कही का... हू. ह... जब देखो तब मक्खी की तरह भिनभिनता रहता है...सारा मूड ही खराब कर दिया..
अनु बड़बड़ाते हुए अपने कदम की रफ्तार तेज कर लेती हैं.

यहां मनु की उत्सुकता अनु के इंतज़ार में बढ़ती जा रही थी.. तभी गली के मोड़ की ओट से अनु उसे आते हुए...