...

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unknown love #2


अगले दिन वो फिर मिला
हल्की मुस्कान
आंखो में बहुत से
किस्से लिए
मै उसको देख ही रही थी
की इतने में
वो दौड़कर पास आया।
फिर,
वो बोले जा रहा था,
मै बस घुरे जा रही थी।

कि इतने में उसने ध्यान दिया और बोला
"अरे! ओ मैडम जी
कहा खोए हो?
मै आपसे कबसे बात कर रहा हूं
आप कुछ बोल ही नहीं रहे।"
अब ये थोड़े ना कह सकती थी
की आपको घुर रही थी। 🤪
तो जवाब दी कि
कुछ नहीं वो थोड़ा काम के बारे में......
सोच रही थी। 😅

अब ऐसे मिलना जुलना,
थोड़ी थोड़ी रोज़ बाते करना
मुझे उसके ओर और आकर्षित करता
पर फिर भी रोके रहती।
क्या पता जो सिलसिला चल रहा है
वो रुक जाए इस एहसास के इज़हार में।

अब तो दिल भी तेज़ धड़कता
उसके सामने या आस पास होने से।
सोचती हूं मै भी कहीं सुन ना ले
वो भी इस धड़कन की गति विधि।

एक दिन पास आया और बोला -
"तुम्हारे साथ एक पिक क्लिक करूंगा
तो कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना।"
जवाब में मना तो करना मुश्किल था
तो जायज़ है पिक क्लिक की।
फिर पूछी करना क्या है इसका?
वो बोला
इंतज़ार करो मेरी दोस्त,
बर्थडे पर पता लगेगा।

to be continue.....
आपको क्या लगता है, आगे क्या होगा!
थोड़ा सोचिए और कमेंट कीजिए।
आगे की कहानी फिर थोड़े दिनों में....







© Anushka_28