Part -4 - प्यार का इजहार
उस दिन के बाद बातें बड़ी मुलाकातें भी बड़ी। पहले जो कभी-कभी मिल रहे थे अब रोज मिलना हो गया। फ़ेसबुक पे जो रोज़ बातें करते थे, अब फोन पर होने लगी, फोन पर बातें करते करते, अब रोज मिलने भी लगे थे। जैसे जैसे हम मिलते गए बातें करते गए वैसे वैसे मैं तुम्हें और जानता गया तुम्हें पहचानता गया और तुमसे प्यार मुझे होता गया। पता नहीं पर कब तुमसे मैं अपना दिल पूरी तरह से हार बैठा था। अब तुम्हारे बिना जिंदगी नहीं कटेगी बस यही लगता था। फिर एक फैसला लिया मैंने। ओर मुझसे नहीं छुपाई जाएगी यह बात कि अब मैं करने लगा हूं...