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ख़्याल ख़ुद का
सबके ख़्याल के साथ-साथ ख़ुद का ख़्याल भी ज़रुरी है, क्या कभी सोचा है तुमने कि तुम्हारी ऐसी भी क्या मजबूरी है। हाँ माना ज़िम्मेदारी के चलते इस मोह माया में उलझे तुम निकलना ही नहीं चाहते इन सबसे मतलब घर के कामकाज घर की देखभाल बच्चों के बच्चों की ज़िम्मेदारी जो तुमने ख़ुद जानबूझ कर संभाल रखी है। क्या तुम्हारा ख़ुद के लिए कोई फ़र्ज़ नहीं ख़ुद का ख़्याल नहीं। अभी चल फ़िर पा रहे हो थोड़ा अपने लिए वक्त निकालना शुरू करो। जैसे सुबह की सैर गार्डन में कुछ देर प्रकृति के सानिध्य तले बैठकर इन पेड़ पौधों को फ़ूलों को हरियाली को देखो इन्हें छूकर महसूस करो। हरे-भरे घास पर कुछ देर नंगे पाँव चलो। जानती हूँ क्या सोच रहे हो तुम, तुमने अभी तक ऐसा नहीं किया बच्चे क्या कहेंगे कोई क्या बोलेगा। य़ह सब सोचकर तुम ख़ुद के साथ अन्याय कर रहे हो।जिसको जो बोलना है बोलने दो। लोगों ने तो भगवान श्री राम को श्री कृष्ण जी को किसी को नहीं छोड़ा उन्हें भी बोल ही देते थे लोग तो। इसलिए किसी की परवाह किए बिना ख़ुद के लिए भी वक्त निकालना सीखिये अपने साथ भी वक्त बिताइये। कहीं आस पास घूमने चले जाइये। अपने अंदर के उस छोटे बच्चे को ज़िंदा रखिये, उसकी उंगली पकड़ कर सैर पर निकल जाइये। कर के देखिये अच्छा लगेगा आपको। अपने आपको य़ह कहना बंद कीजिये कि अब मेरी उम्र नहीं,य़ह सब मुझे शोभा नहीं देता। उम्र तो बस इक नंबर है आप का दिल आपका दिमाग जवान रहना चाहिये। हम उम्र से ज्यादा सोच से बूढ़े होते हैं, तो अब आप ही decide कीजिये कि आपको कौन सी श्रेणी में ख़ुद को रखना है।
thank you so much मुझे पढ़ने के लिए। 🙏