मौत का कुँवा
#WritcoStoryPrompt11
हमारा परिवार बहुत पहले गांव छोड़कर, शहर में आकर रहने लगा था.
मेरे पिता ने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए शायद यह कदम उठाया था.
मैं यूं तो चंचल प्रवृति का बचपन से ही था. कौतुहल से कई नए नए काम को करता था.
शायद परिवार मे, मै हीं था जो छुट्टी मे गांव आया जाया करता था.. हमारे गांव के नजदीक एक जंगल हुआ करता था. उस जंगल के बीचो बीच एक गहरा कुआं भी था.
उस कुएं के बारे में तरह-तरह की कहानियां गांव में सुनने को मिलती थी . मुझे भी यह उत्सुकता कई बार होती कि आखिर इतने घने जंगल के बीच में यह कुआं किसने बनवाया होगा?
गाँव के लोग कहते थे" यह मौत का कुआं है, इसकी आस पास जो भी जाता है उसकी मौत हो जाती है.
यह हकीकत है कि कभी अकेले जाने की हिम्मत मुझे भी नहीं हुई.
लेकिन मेरे अंदर का कीड़ा हमेशा मुझे काटता रहा की आँखिर इस कुएं के पीछे...
हमारा परिवार बहुत पहले गांव छोड़कर, शहर में आकर रहने लगा था.
मेरे पिता ने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए शायद यह कदम उठाया था.
मैं यूं तो चंचल प्रवृति का बचपन से ही था. कौतुहल से कई नए नए काम को करता था.
शायद परिवार मे, मै हीं था जो छुट्टी मे गांव आया जाया करता था.. हमारे गांव के नजदीक एक जंगल हुआ करता था. उस जंगल के बीचो बीच एक गहरा कुआं भी था.
उस कुएं के बारे में तरह-तरह की कहानियां गांव में सुनने को मिलती थी . मुझे भी यह उत्सुकता कई बार होती कि आखिर इतने घने जंगल के बीच में यह कुआं किसने बनवाया होगा?
गाँव के लोग कहते थे" यह मौत का कुआं है, इसकी आस पास जो भी जाता है उसकी मौत हो जाती है.
यह हकीकत है कि कभी अकेले जाने की हिम्मत मुझे भी नहीं हुई.
लेकिन मेरे अंदर का कीड़ा हमेशा मुझे काटता रहा की आँखिर इस कुएं के पीछे...