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पाक रिश्ता
गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई थी, आदित्य छोटे में तो कई बार अपनी नानी के घर आना जाना करता था पर दसवीं की परीक्षा के बाद पहली बार रुकने का मन बनाया उसने। वो बहुत excited था ये सोच कर की इस बार वो अपनी नानी के घर काफी दिनों तक रुकेगा।ट्रेन की टिकेट confirm हो गई थी, कल शाम की ट्रेन से उसे निकलना था, उसने अपना सामान अटैची में जमा लिया था और सोने की तैयारी कर ली। रात को उसे सही से नींद नहीं आई तो वो उठ कर balcony में चला गया और सोचने लगा कि वो क्या क्या करेगा, कहा कहा घूमेगा, उसका मन तो लग जाएगा ना नानी के घर, ये सब सोचते सोचते वो अपने कमरे की ओर चल पड़ा और जाकर सो गया। सूरज की किरणे आदित्य के चेहरे पर गिर पड़ी और उसकी नींद टूट गई। वो अपने बिस्तर से उठा और अपनी मम्मी के पास kitchen में चला गया। मम्मी, मेरा वहां मन ना लगा तो? आदित्य ने उदास मन से अपनी मां से पूछा। तब उसकी मां ने उसे दिलासा देते हुए कहा कि बेटा तुम्हारा मन ज़रूर लगेगा वहां और ना लगे तो जल्द वापिस आ जाना, कोई तुम्हे कुछ नहीं कहेगा। दिन धीरे धीरे बीतने लगा और शाम हो गई, आदित्य के जाने का वक़्त हो गया था। वो खुश भी था और उदास भी। मां, मुझे आपकी बहुत याद आएगी, ये कहते हुए उसने अपनी मां को गले लगाया और निकल पड़ा। २४ घंटे के सफर के बाद वो अपनी नानी के घर पहुंच गया। वहां उसके cousins भी रहते थे। मामा का बेटा उसी की उम्र का था और उनकी बेटी उससे २ साल छोटी थी। २-४ दिन निकल जाने के बाद जया (मामा की बेटी), ने आदित्य से कहा कि पड़ोस में ही उसकी बहुत अच्छी सहेली रहती है, उसका नाम पीहू है। जया ने पीहू को अपनी खिड़की से आवाज़ लगाई और उसे अपने घर आने को कहा। पीहू और जया ८ वीं कक्षा में पढ़ते थे। जैसे ही पीहू उनके घर आई, जया ने आदित्य और पीहू को एक दूसरे से मिलवाया। अब वो सब मिलकर मस्ती करते, खेलते, घूमते, सब कुछ साथ साथ। वक़्त बीतता गया और आदित्य के जाने का वक़्त आ गया। आदित्य इस बार जाना नहीं चाहता था, वजह थी पीहू। ऐसे तो दोनों में ज्यादा समझ नहीं थी इस लगाव का, पर दोनों उदास थे, पीहू भी कहीं ना कहीं नहीं चाहती थी कि आदित्य वहां से जाए और ना ही आदित्य चाहता था। ये बातें दोनों ने अपने मन में ही रख ली। जाने से पहले आदित्य, पीहू से मिलना चाहता था, पर उस दिन पीहू उनके घर नहीं आई। इंतज़ार करते करते आदित्य खुद ही पीहू के घर उसे bye कहने चला गया। दोनों ने एक अलग सा झुकाव महसूस किया पर कहने की हिम्मत दोनों में ना थी। वक़्त बीतता गया और दोनों अपनी अपनी ज़िन्दगी में busy हो गए।कई बार दोनों ने एक दूसरे को याद किया पर ना तो फोन नंबर था, ना कोई और साधन जिससे बात कर सके।आदित्य अब अपनी पढ़ाई में इतना व्यस्त हो चुका था कि वो नानी के घर नहीं आ पाता था।साल गुजरने लगे और एक दिन जया का रिश्ता तय हो गया। पीहू पूरी तरह से जया की शादी के कामों में व्यस्त हो गई, अचानक से उसे अपनी  कानों में आदित्य का नाम सुनाई पड़ा। उसकी दिल की धड़कने बढ़ने लगी। जया ने उससे पूछा कि तुम्हें आदित्य भैया याद है ना वो भी आएंगे मेरी शादी में, धड़कने जो तेज थी वो अब और ज्यादा तेज हो गई।१०साल बाद मैं आदित्य को देखूंगी, १०साल, काफी लंबा वक्त हो गया, उसे तो मेरा चेहरा भी याद नहीं होगा, मैं भी उसे कैसे पहचान पाऊंगी। मेहंदी की रस्म शुरू होने वाले थी, पीहू जया को तैयार करके नीचे ले जाने वाली थी कि अचानक से रूम के दरवाज़े पर एक आवाज़ आई; Hie जया कैसी हो, आवाज़ सुनते ही जया ने पहचान लिया की ये तो आदित्य भैया है। आदित्य भैया आप, जया खुशी के मारे उछलने लगी, पीहू की धड़कने तेज रफ्तार से दौड़ रही थी, उसने पलटकर देखा तो आदित्य एकदम पास खड़ा था। आदित्य ने एक बार में ही पीहू को पहचान लिया था, पर उसने कुछ कहा नहीं। दोनों खामोश होकर एक दूसरे को देख रहे थे कि तभी जया ने कहा, आदित्य भैया आपको याद है ये कौन है? ये पीहू है, हम सब एक साथ खेला करते थे, याद आया?आदित्य acting करते हुए कहने लगा, ये पीहू है, वहीं छोटी सी पीहू, हां मुझे याद है, बहुत मस्ती करते थे अपन, मुझे बहुत अच्छा लगता था तुम सबके साथ। इतना कहते ही बाहर से आवाज़ आने लगी की जल्दी से जया को लेकर आओ नीचे। पीहू फटाफट जया को लेकर नीचे पहुंच गई। शादी की हर रस्म में आदित्य सिर्फ पीहू को ही घूरता रहा,पीहू अपनी सहेलियों के साथ कामो में लगी रहती, पर उसने भी ये notice किया था कि आदित्य सिर्फ उसे ही घुर रहा है, वो मन ही मन मुस्कुराने लगती। दोनों बातें करना चाहते थे, पर झिझक के मारे नहीं कर पाए। शादी, विदाई सब हो गई, आदित्य के जाने का वक़्त भी होने लगा, एक बार फिर दोनों अलग हो रहे थे। इस बार feelings थी। बचपन में जो समझ नहीं आ रहा था वो अब आने लगे थे, पर बात करे कैसे। पीहू को रात भर नींद नहीं आई, वो बस आदित्य के बारे में ही सोच रही थी। सुबह उठकर भी उसे आदित्य का ही खयाल था, मन में सोचने लगी की आदित्य को फेसबुक पर मैसेज करू, अजीब लगेगा, वो क्या सोचेगा, पर वो भी तो बात करना चाहता होगा ना, तभी तो घुर रहा था मुझे हर वक़्त। ये सारे thoughts पीहू को और बेचैन कर रहे थे। पीहू ने मोबाइल उठाई और आदित्य का profile ढूंढने लगी।उसे आदित्य फेसबुक पर मिल गया था, पर उसे मैसेज करने में डर लग रहा था, पर उसने हिम्मत बांधी और मैसेज कर दिया। आदित्य के फोन पर notification आया, उसने देखा की किसी प्रिशा का मैसेज है। उसने मैसेज खोला उसमें hie लीखा हुआ था, उसे लगा होगी कोई, उसने सोचा की बाद में चेक कर लेगा, पर फिर उसे पता नहीं क्या हुआ की उसने profile खोल ली। पीहू? वो चौंक गया, पीहू का मैसेज (आदित्य को पीहू का असली नाम नहीं पता था), वो खुश था, वो nervous था, उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे react करे।उसने लंबी सांस की और reply कर दिया, hello! कैसी हो? एक hie से शुरू हुई chat कब इतनी लंबी हो गई की बात शादी तक पहुंच गई दोनों की। पीहू हर वक़्त आदित्य को छेड़ती रहती की you should be thankful to me, मैने ही तुम्हें मैसेज किया, वरना तुम्हे तो मेरा असली नाम तक नहीं पता था। बचपन का प्यार, शादी के बंधन में बंधने वाला था, दोनों बहुत खुश थे, दोनों के घर वाले भी काफी खुश थे। सब कुछ बहुत सही था, की अचानक एक दिन पीहू का accident हो जाता है, और वो अपनी दोनों आंखे खो देती है। वो अब आदित्य से नहीं मिलना चाहती थी, मिलू भी तो कैसे? मेरी आंखे, मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहती। पीहू ये सारी बातें जया से कह रही थी कि तभी आदित्य वहां पर आ जाता है और कहता है, मैने तुमसे बचपन से प्यार किया है, इस तरह तुम्हें खुद से अलग नहीं होने दूंगा और इन आंखों का क्या है, हम इलाज़ करवाएंगे, तुम्हारी आंखे वापिस आ जाएगी पर तुम चली गई तो मैं भी इस दुनिया से चला जाऊंगा। आदित्य की ये सारी बातें सुन कर पीहू भावुक हो उठी और कश कर आदित्य को गले लगा लिया। कुछ दिनों में हमारी शादी है और तुम ऐसे उदास रहोगी तो कैसे चलेगा? कहते हुए आदित्य ज़ोर ज़ोर से पीहू को गुदगुदी करने लगा, दोनों हसने लगे और आदित्य ने पीहू का हाथ पकड़ते हुए उससे वादा किया कि चाहे कैसे भी हालात क्यों ना हो वो हमेशा पीहू के साथ रहेगा। कुछ दिनों बाद दोनों की शादी हो जाती है और पीहू का operation भी अच्छे से हो जाता है और उसे नई आंखे मिल जाती है, दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश है। बस इतनी सी थी ये प्यार भरी कहानी।।
Note-हम जिनसे प्यार करते है, उनके साथ किसी भी हाल में रह सकते है। प्यार मुश्किल से मिलता है, उसे जाने मत दीजिए।


© Atika