...

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मोहब्बत-9
इस बार शिया को होश आया तो वो ठीक हो गयी थी।वो माँ से लिपट गयी।ऋषि ने पूछा ,"कैसी हो?"
शिया ने उसे अजीब ठंग से देखा।फिर उसने मीना को पूछा ,"ये यहां क्यों?"
बाद में जब शिया और मीना अकेली थी तो मीना ने शिया को सब बताया।शिया को खुद कुछ समझ नही आ रहा है।
उधर रोहन का मन बहुत खबरा रहे थे।उसे लग रहा था कि शिय के साथ कुछ बुरा हुआ है। उसने मीना को फ़ोन किया,"क्या हाल है?"
"मैं ठीक हूँ।शिया की तबियत खराब हो गईं थी।उसके साथ होस्पिटल में हूँ।"मीना ने बताया।
"क्या हुआ ?अब कैसी है शिया?"
रोहन ने खबरा कर पूछा।
"हाँ अब ठीक है। तुम्हे पता वो अजीब बातें बता रही थी। वो ऐसे कह रही थी,मानो वो राजकुमारी हो, ऋषि किसी गांव का मुखिया का बेटा और तुम मुख्य सेनापति। तुम उन दोनों के प्यार के खिलाफ थे और ऋषि जो उस वक्त शक्ति था तुम उसे मारना चाहता था।"
"क्या!!!ये सब कैसे?"रोहन ने कहा।
"डॉ ने हिप्नोसिस करने को कहा है। रोहन तुमसे एक बात पुछू?"
"पूछो।"रोहन ने कहा।
"तुम मुझे जब भी फ़ोन करते हो ,शिया के बारे में ही बातें करते हो क्यों?"
रोहन सुन कर कुछ देर चुप हो गया फिर बोला,"मीना,अगर मैं कहूँ की मुझे शिया से प्यार हो गया है तो क्या तुम मानोगी ?"पर ये सच है ,मुझे पहली नज़र में शिया से प्यार हो गया था।उसी के कारण मैं दिल्ली रहा।"
मीना को उसकी बातें सुन कर झटका लगा।पर उसने खुद को संभाल कर कहा,"ओह मुझे पहले ही बता देते।वैसे मुझे लगा था, जिस तरह तुम ऋषि से चिढ़ते थे।चलो कोई नही मैं तुम्हे अब बिना पूछे ही शिया के बारे में सब बता दिया करुँगी।"
फिर दो दिन बाद शिया का हिप्नोसिस था।डॉक्टर ने उसे आराम कुर्सी पे बिठाया।उसकी आँखों के आगे लॉकेट घुमाने लगा।शिया धीरे धीरे सोने लगी।


to be continued..