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मम्मा मै सीड को फिर भी चाहूंगी
मै आज खुश हू,बोहोत बोहोत जादा। क्यू? सिड से मिलने वाली हूं ना,बस उस खयाल से ही दिल खुश हो जाता है।

तैयार होके क्लिनिक के लिए निकल ही रही थी कि मम्मी ने पिछे से आवाज़ दी,उन्हें मुझसे कुछ बात करनी थी शायद।क्लिनिक के लिए देरी हो रही थी तो आने के बाद बात करूंगी कह कर में घर से निकल गई।दिन भर क्लिनिक में भी काफी पेशंट्स रहे,जैसे तैसे दिन ख़तम हुआ।
थकी हारी मै अपनी बैग लेके क्लिनिक से बाहर आई सामने देखती हू तो सीड खड़े थे,सारी थकान मिट गई मेरी,कभी कभी तो समझ नहीं आता क्या ऐसी बात है उनमें जो उन्हें देखते ही सब बस बोहोत बोहोत ठीक हो जाता है।
उनके साथ आज डिनर का प्लान था,अचानक मम्मी का फोन आया, कहा,जल्दी घर आओ कुछ बात करनी है। मम्मी काफी सीरियस लग रही थी ,मुझे जल्द ही घर जाना पड़ा।

घर पोहोचती हूं तो क्या देखा, मम्मी इंतजार ही कर रही थी। मेरे आते ही मुझे रूम में ले गई।

"इत्ती ज़ल्दबाज़ी में क्यों बुलाया मम्मा"

"कुछ बात करनी थी"

"हा बोलोना मम्मा"

"एक अच्छा लड़का है, गवर्नमेंट जॉब है, डॉक्टर है, घरदार भी अच्छा है,मैंने कल सुबह की ब्लाइंड डेट फिक्स की है तुम्हारी,मुझे लगता है तुम्हे जाना चाहिए"

"पर मम्मा आपको तो पता है ना मै सीड को डेट कर रही हूं"

"२९ की हो गई हो तुम,ये कोई उम्र है तुम्हारी डेट करने की,मुझे लगता है तुम्हे अभी शादी कर लेनी चाहिए,वरना आगे ऐसा अच्छा लड़का नहीं मिलेगा, यूं नो ना बेटा मै चाहती हूं कि तुम हमेशा खुश रहो,मै तुम्हारा भलाही सोचूंगी ना"

" पर मम्मा"

"पर वर कुछ नहीं,तुम कल डेट पे जाओ यही मेरी इच्छा है,बस बात ख़तम"


मैं और कुछ नी के पाई मम्मासे,समझ नहीं आ रहा था वो ऐसा क्यों बर्ताव कर रही थी आज।

"क्या? तुम लड़के को मना कर आई?"

"हा मम्मा, आपने कहा तो मै डेट पे चली गई पर मैंने जाते है उन्हें बता दिया कि मै सीड से प्यार करती हूं और किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकती"

"अभी प्यार का जादू बोल रहा है बेटा पर जब प्यार का बुखार उतर जाएगा ना तब असलियत सामने आयेगी,पछताओगी।"

"जब घर में बोहोत सारे पैसे होगे, पर दिलमे प्यार नहीं होगा तो अकेली पड़ जाऊंगी मम्मा, पैसों को देख के शादी करूंगी ,पैसे तो होगे पर ज़िंदगी मै वो साथी नहीं होगा जिससे खुल के बतिया पाऊं। ज़िंदगी भर इस डर में रहूंगी की इस पति ने मुझे छोड़ दिया तो? क्योंकि कही तो ये भी पता होगा कि इस पति ने मुझे देखकर नहीं मेरी जॉब,और बाकी फायदे देखकर मुझसे शादी की है। सीड के साथ ऐसा नहीं है मां,उनके साथ विश्वास होता है कि चाहे हालत कितने भी बदल जाए,इनका साथ छूटेगा नहीं,उनके साथ दिल्का रिश्ता बन गया है मां,ऐसा किसी और के साथ नहीं बन पाएगा,तो क्या हुआ अगर पैसे कम होंगे,इतना तो दोनों मिलकर काम लेंगे की एकदुसरे को खुश रख पाए।"

"ये तुम नहीं तुम्हारी उम्र बोल रही है आशी,मैंने पूरी ज़िन्दगी तुम्हारे लिए जियी है,तुम मेरी इतनिसी बात नहीं मान सकती,इतना विश्वास नहीं है अपनी मां पर?"

"पर मा में सीड के साथ बोहोत खुश हूं"

"बस ! मै अब और नहीं कहूंगी कुछ,तुम मेरे चुने लड़के से शादी कर रही हो बात ख़तम,और अगर तुमने मना किया तो मेरा मरा हुआ मु देखोगी"


अब क्या समझा पाती मै और मां को,


"मै बच्ची हूं आपकी
आप मेरी खुशी चाहती हो,
पता है मुझे आप
बोहोत चाहती हो,

मैंने भी किसी का भला चाहा है,
मैंने भी किसी को दिलसे चाहा है,

पर तजुर्बा नहीं इस दुनिया का मुझे,
आपसे ज्यादा मा ना चाह पाऊंगी किसे,

माना मै आपकी बात मानूंगी,
मम्मा मै सीड को फिर भी चाहूंगी।।
मम्मा मै सीड को फिर भी चाहूंगी।।"




© drowning angel