मृत्यु से भेंट
मृत्यु सभा में मृत्यु से भेंट
घर से कुछ दूर एक सज्जन की मृत्यु हो गयी थी तो सामजिक दायित्व का निर्वहन करने पंहुचा हुआ था, एक कोने में जाकर खड़ा हो गया माहौल बहुत ही दारुण और शोक संतप्त था !
बगल में बैठे एक व्यक्ति के चेहरे पर अजीब सा तेज था और मुझसे रहा न गया तो मैंने पूछा भैया ये मरने वाले आपके कौन थे, उसने बोला की मेरा कोई रिश्ता नहीं है मै स्वयं यमराज हु इनको लेने आया हूँ !
मैंने कहा आप तो बिना भैसे के आये हैं यमराज जैसे लग भी नहीं रहे हैं तो कैसे मान लूँ ! वो बोले कलयुग के लोगो से ही सीखा है की अंदर...
घर से कुछ दूर एक सज्जन की मृत्यु हो गयी थी तो सामजिक दायित्व का निर्वहन करने पंहुचा हुआ था, एक कोने में जाकर खड़ा हो गया माहौल बहुत ही दारुण और शोक संतप्त था !
बगल में बैठे एक व्यक्ति के चेहरे पर अजीब सा तेज था और मुझसे रहा न गया तो मैंने पूछा भैया ये मरने वाले आपके कौन थे, उसने बोला की मेरा कोई रिश्ता नहीं है मै स्वयं यमराज हु इनको लेने आया हूँ !
मैंने कहा आप तो बिना भैसे के आये हैं यमराज जैसे लग भी नहीं रहे हैं तो कैसे मान लूँ ! वो बोले कलयुग के लोगो से ही सीखा है की अंदर...