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कामकाजी पुरुष का श्रेय ... दूसरा भाग
ये @as598 की रचना पर आए कुछ पहलुओं को ध्यान में रखकर लिखी गयी रचना है। सबसे पहले तो मैं ( अनु ) @as598 का धन्यवाद देना चाहूंगा कि उसने प्रकृति के सबसे सरल, जरूरी और शाश्वत नियम की व्याख्या की। क्या है एक स्त्री और एक पुरुष इस दुनिया में? एक दूसरे के प्रतिकूल। एक दूसरे को पूरा करने वाले। सच कहूं तो एक के बिन दूसरे की कल्पना भी अधूरी है समाज में। इस दोनों में से किसी एक को बेहतर कहना ठीक वैसा होगा जैसा एक गाड़ी के चार पहियों में से किसी एक कि तारीफ करने जैसा। स्त्री या पुरुष में कौन बेहतर है, ये बहुत बड़ा सवाल है। शायद इस सवाल पर चर्चा करने के न ये सही मंच है और शायद न हम सही लोग।
ये तो वैसी ही बात है कि ब्रश करने के बाद आप उसका श्रेय ब्रश को देंगे, पेस्ट को देंगे, अपने हाथोँ को देंगे, अपने दांतों को देंगे या खुद को देंगे।
अब महोदया @Sush4748 (शूषमा जी) को एक बात कहना चाहूंगा, बड़े आदर के साथ। एक माँ या पत्नी होने के नाते, आपने क्या आश्चर्यजनक काम किया जिसका पूरा श्रेय आपको मिलना चाहिए? क्या आपने अपने स्वर्गीय पतिदेव को नौकरी दिलाने के लिए पढ़ाई की, इंटरव्यू दिया, उनकी जगह खुद को घिस कर नौकरी की?? हाँ आपने अवश्य सुबह उनको नाश्ता दिया होगा, उनको दोपहर का टिफ़िन दिया होगा, रात को घर आने पर उनकी सेवा की होगा, रात को खाना दिया होगा और फिर बिस्तर पर पत्नी वाला प्रेम भी दिया होगा। सहमत। लेकिन ये सब आपका कर्तव्य था मेरे हिसाब से तो। आपके बच्चे भी खुद स्कूल या कॉलेज जाते होंगे। पढ़ने और शायद कल नौकरी करने भी खिड ही जायेंगे। हां, इसमें एक बात और जुड़ सकती है कि शायद आप एक गृहणी न रही हों और घर के साथ मे बाहर भी काम करती होंगी। इसके पीछे या तो आपकी महत्वकांक्षा होगी या कोई व्यावसायिक जरूरत। इसके लिए आपकी तारीफ की जा सकती है पर जो आपने नहीं किया उसका श्रेय आपको क्यों चाहिए??
एक और बात। एक स्त्री और पुरुष हमेशा किसी रिश्ते में ही बांध दिए जाएं नहीं तो वो हवसी कहलायेंगे। ये बड़ी ही घटिया एयर दकियानूसी सोच है। हर अनजान लड़का किसी लड़की से मिले तो उसका भाई ही बन जाये ये कितना जरूरी है। क्या एक पुरुर्ष एक स्त्री को वैसे सम्मान नहीं दे सकता??
जरूरी नहीं कि लोग बस अपनी बहन को सम्मान दें क्योंकि दुनिया मे ऐसे भी राक्षस हैं जो अपनी बहन के साथ बीबी दुष्कर्म कर जाते हैं। इसलिए जो मुद्दा है उसपर रहना चाहिए। और वो है सम्मान। वैसे आपके प्रोफाइल के 7 पोस्ट्स पर आपने बस किसी महिला की तस्वीर( शायद आपकी हो) को ही तवज्जो दिया है। तो जो परिदृश्य आप दिख रही हैं इस लेकिन के मंच पर तो लोग उस हिसाब से आपकी छवि बनाते हैं। इसलिए शायद आपको बस नोचने वाले ही नजर आते हैं। वैसे आपकी इस बात से मैं पूरी तरह से असहमत नहीं हूं कि दुनिया मे ऐसे लोग नहीं हैं। लेकिन निश्चउत रूप से उन्हें ऐसा कुछ प्रतीत होता है आपकी हरकतों से जिससे उनका हौसला बढ़ता है। वरना जिस्म की भूख मिटाने के सबके पास निश्चित रूप से बहुत से और भी रास्ते होंगे।
उम्मीद करता हूँ कि मैंने ज्यादा कुछ नहीं लिखा और जो लिखा उससे आपको अपमानित करने की कोई मंशा नहीं थी मेरी। बस एक पुरुष प्रतिनिधि के रूप में अपनी दावेदारी पेश की मैंने एक महिला का सम्मान करते हुए। धन्यवाद। और अनु को एक बार फिर से साधुवाद। 👏
© शैल