दोस्ती की दिशा***
यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहाँ एक छोटे से बच्चे का घर था। वो बच्चा था अर्जुन, जिसके माता-पिता बड़े व्यस्त थे और पूरा दिन काम में रहते थे। अर्जुन का बचपन बिना माता-पिता के संस्कार और प्यार के बिना था।
रोज़ाना अकेले रहने से अर्जुन की सोच में कई बदलाव आने लगे। उसकी आँखों में इर्ष्या, जलन, घमड़ और गुस्से की बुनाई हो गई थी। वह अकेले रहकर खुद को समझाता था कि ये सब उसकी मजबूती है, लेकिन दिल में वो जानता था कि ये सब उसके अंदर की आत्मा को छू रहे थे।
एक दिन, जब अर्जुन अपनी सुस्त और उदास मुखी के साथ खेल रहा था, वह एक अजीब रोबोट से मिला। यह रोबोट अर्जुन से अलग था, क्योंकि इसमें कुछ विशेष बातें थीं। यह रोबोट सोच समझकर व्यवहार करता था, और उसके पास सबके लिए एक खास संदेश था - सबके साथ अच्छे...