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"रहन सहन के 12 सूत्र ऐसे भी"
#funny #humor #joking

अरे भईया!
सभऊ कछु न कछु लिखत रहे, जीवन की उपयोगी बातें। तो भईया हमऊ बी लिखत जाने हैं,😁 तो काहे चुप रह सकत।

उठा लई हमऊ बी कलम, होर हो गए सुरु। तो सुनो भईया क्या करन चाही, डेली रूटीन में:-

नंबर 1 : खूब तान के सोवो, जब मन करे तब उठो। बोले तो एकदम झकास। इतना जल्दी बी न उठो के ससुर अंधेरा ही अंधेरा दिखे।

नंबर 2: उठत-उठत ही चाय का आर्डर ठोको, ससुर। वो बी गिलास भर, और दो चार रस्क ले लो। रस्क न मिले तो रात की बची रोटी ही पेल मारो चाय साथ।

नंबर 3: चाय गरम गरम ही सुड़क लो, ससुरी ठंडी भोत बुरी लगत है। फिर लो एक केड़ी सी डकार।

नंबर 4: अगर आँखें खुल गई होईं त ठीक, वरना एक नींद फिर खेच ही लो।

नंबर 5: हमऊ त कहें जादा सोना ठीक न, चाय के बाद त उठ ही जाओ तो बढ़िया। होर कोसिस करो के ग्यारह से पहले तो खाट छोड़ ही देवे त अच्छा।

नंबर 6: एक्सर साइज जरूल करो, तनिक हिलाए लेयो हाथ पामन को, होर एक आध सांस ऊपर नीचे के लो।

नंबर 7: अब मन होरा हो त नाह लो, नई त हाथ मुंह तो जरूल धो लो। वैसे शेर कौन से नाहवे हैं, कोन्हू देखत रहे त बोलो।

नंबर 8: फिर भईया ठोक देयो आर्डर नास्ते का। अब एक्सर साइज जो करी है त। नास्ते में सात आठ आलू के परामठे के साथ एक अमूल मक्खन की डब्बी। नास्ता जादा हेवी न करें। क्योंकि थोड़ी देर बाद खाना बी खाना है। और हां खाने और नास्ते के बीच आराम जरूली है। त खींच लो घंटे भर नींद।

नंबर 9: अब उठ जाओ भईया,खाना बी त खाना है। खाना हल्का ही रखें त अच्छा है। बस छः रोटी, पतली सी न हों जे जरूल चेक के लें। एक कटोरा दाल, एक कटोरी देसी घी, छोटी कटोरी बड़ी न लें, चार पांच बड़े चमचे चावल, थोड़े से आलू फ्राई बोले त जीरा आलू बस एक छोटी प्लेट, सीज़नल सब्ज़ी एक कटोरा, मिक्स सब्ज़ी ले अगर हो सके त, आधा लोटा छाछ ये तो आयुर्वेद बी कहत रहे, दोपहर भोजन संग छाछ अमृत। होर खाने बाद मीठा हो त क्या कहने, चार पांच गुलाब जामुन त खेच मारो।

नंबर 10: भईया जादा टेम खाने में न लगाएं, आराम भी कहा गया है दोपहर के भोजन पश्चात। खाना होते ही फोरन बिस्तर पकड़ लो, टांग सीधी कर लो घंटे दो घंटे।

नंबर 11: अब सोते ही रहोगे, उठो भईया शाम का नास्ता बी त करना है, अब मेरी ओड कू क्या देख रे हो। मैं ही थोड़ी बताता रहूंगा तुम्हे कदम हर कदम। जाओ देखो का धरा है घर में, जो मिले खतम करो नहीं तो पड़ा पड़ा खराब हो जावे ससुर।

नंबर 12: अब ध्यान से सुनो यू आखिरी, पर भोत जरूली वाला नियम है। देखो अब होगी रात, सोने के बाद तो समझो गई गाड़ी पांच छः घंटा कू। यां लईयों अपनी प्लेट कू ठूंस ठूंस के भर लियो। कुछ बचा के फ्रीज में धरने की जरूलत न है सब खा लो। ग्यानी लोग कहें फ्रिज में धर के कुछ न खावे। एक लोटा दूध रात में जरूल हो, ग्यानी ये बी कहें रात में दूध तमाम स्वास्थ्य के लिए रामबाण। अब खा पी के सो मत जाइयो थोड़े हाथ पामन कू हिला लो, बाहर जाने का मन न हो तो एक दो चक्कर बिस्तर के ही लगा लो। और फिर खींच चद्दर लेयो खर्राटे।

अब सवेरे फिर से दोहराओ.....मेरी गारंटी है महीना छः महीना में आने - जाने कू एक साथ दो रिक्सा की जरूलत न पड़ जावे तो कहियो।

उप्पर लिखे किसी भी नियम की लेखक की कोई गारंटी नहीं है बोले तो भरोसे लायक नहीं है.....😁😁

फिर बी यदि कोई भी पाठक, लेखक, देवी या फिर कोई सज्जन मेरे बताए और उप्पर लिखे नियमों से बहुत ही जादा सहमत हो गए हों, त कृपा करके मुझे बधाई न भेजें!🙏🏻😁

ASHOK HARENDRA
© into.the.imagination

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