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अधूरी कहानी... पार्ट-2
here the story continue...
आसान तो नहीं रहा बेशक बिछड़ना, पर बिछड़ना बेशक ज़रूरी था शायद।

वह लड़का अपना शहर छोड़ चुका था जबकि वह उसी शहर से बीटेक कर रहा था लेकिन वह नही चाहता था कि उसकी शक्ल उस लड़की को दोबारा दिखे जिससे वह बहुत ज्यादा प्यार करता था। वह कभी नही चाहता था कि उसकी वजह से उसके प्यार को कोई भी तकलीफ पहुंचे पर दूर रहकर भी उसका वह अपने प्यार का ध्यान रखता था हर एक चीज़ पर उसकी नज़र रखता था इसलिए नही की वह उसका पीछा कर रहा है बल्कि इसलिए ताकि उसके प्यार की जिंदगी के साथ कोई खेल ना ले।

" सच्ची मोहब्बत हमे सिखाती है चाहे हमारी मोहब्बत कहि पर भी हो,
पर जहाँ भी हो खुश हो और उसका ख्याल रखे।

वक्त बितता गया लड़का अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर में चला गया जब उसने अपनी बीटेक छोड़ दी थी घर से उसको बहुत बुरी भली सुनने को मिली पर वह अपने प्यार के दिये गए वादे के लिए सब सहन कर रहा था।
जब वह लड़का दूसरे शहर में आ गया था तो उसके लिए वह शहर एक दम नया अंजान सा था। उस लड़के को अपनी लाइफ में कुछ बड़ा करना था क्योंकि उसके सपने बड़े थे उसका शुरू से ही यही सपना था कि ज़िन्दगी में कुछ बड़ा किया जाए ताकि मरने के बाद दुनिया हमारे काम और नाम से हमें पहचाने। वह एक बिज़नेसमेन बनना चाहता था। उसको यह बात अच्छे से पता थी कि लाइफ में कुछ भी पाने के लिए सबसे पहले हमारा नाम होना चाहिए। उस लड़के ने उस शहर में बीफार्मा में एडमिशन लिया और मन लगाकर अपनी पढ़ाई करने लगा। वह अपने प्यार को भुला नही था वह हमेशा उस लड़की का फोटो अपने साथ रखता था एक पल भी उसको अपने से दूर नही करता था क्योंकि वह उसे प्यार ही बहुत करता था। एग्जाम के वक्त भी उसका फ़ोटो अपने साथ रखता था। एक दिन जब वह एग्जाम दे रहा था तो एग्जाम से पहले चेकिंग...