# चिट्ठी पार्ट 2
#चिट्ठी
लाइब्रेरी में बैठी हुई निकिता क़िताब के पन्ने पलट रही थी और बेसब्री से सुप्रिया का इंतज़ार कर रही थी। जब से सुप्रिया का कॉल आया था और उसने उसे लाइब्रेरी बुलाया था ये कह के की उसको उस चिट्ठी के बारे में कुछ पता चला है, तब से निकिता बेचैन थी।
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निकिता ने जिस चिट्ठी के लिए आदित्य को शुक्रिया बोला था और आदित्य की पूछे जाने पर निकिता आदित्य को बताती है कि आदित्य यह सुनकर उसे मना कर देता है अब आगे-----
यह सुनकर निकिता निराश हो जाती है और फिर कंपटीशन खत्म होते ही वहां से चली जाती है चलते चलते वह बस स्टैंड पर पहुंच जाती है बस के आते ही वह बस में चढ़ जाती है पर बस मैं सारी सीट फुल थी पर एक सीट खाली थी जब निकिता गुस्से में सीट पर बैठ जाती है पर कुछ ही देर में उसका हाथ एक पेपर पर पड़ता है सीट के बगल से उस पेपर को...
लाइब्रेरी में बैठी हुई निकिता क़िताब के पन्ने पलट रही थी और बेसब्री से सुप्रिया का इंतज़ार कर रही थी। जब से सुप्रिया का कॉल आया था और उसने उसे लाइब्रेरी बुलाया था ये कह के की उसको उस चिट्ठी के बारे में कुछ पता चला है, तब से निकिता बेचैन थी।
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निकिता ने जिस चिट्ठी के लिए आदित्य को शुक्रिया बोला था और आदित्य की पूछे जाने पर निकिता आदित्य को बताती है कि आदित्य यह सुनकर उसे मना कर देता है अब आगे-----
यह सुनकर निकिता निराश हो जाती है और फिर कंपटीशन खत्म होते ही वहां से चली जाती है चलते चलते वह बस स्टैंड पर पहुंच जाती है बस के आते ही वह बस में चढ़ जाती है पर बस मैं सारी सीट फुल थी पर एक सीट खाली थी जब निकिता गुस्से में सीट पर बैठ जाती है पर कुछ ही देर में उसका हाथ एक पेपर पर पड़ता है सीट के बगल से उस पेपर को...