unknown love #4
आंखों में पट्टी बन्धी हुई थी
और वो मेरे हाथ को थामे
थोड़ी दूर साथ चल रहा था।
इतने में एक शोर और
मालूम नहीं पड़ रहा था
हम आखिर कहां खड़े थे।
आंखो ढके उस कपड़े को खोला गया
सामने समन्दर और पूरा चांद फलक पर था।
इस बार थोड़ा ज़्यादा चौकी
क्योंकि सही मायने में
कुछ ऐसा ही...
और वो मेरे हाथ को थामे
थोड़ी दूर साथ चल रहा था।
इतने में एक शोर और
मालूम नहीं पड़ रहा था
हम आखिर कहां खड़े थे।
आंखो ढके उस कपड़े को खोला गया
सामने समन्दर और पूरा चांद फलक पर था।
इस बार थोड़ा ज़्यादा चौकी
क्योंकि सही मायने में
कुछ ऐसा ही...