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मेरा नाम क्यूं रखा?
कशिश: आज़ शादी है मेरी, wow, I am so happy।

दोस्त: यार, में जानती हूं तू बहुत खुश है, पर वो उमर में बड़ा है तुझ से, कॉलेज प्रोफेसर थे वो अपने, तू कहा उनके प्यार में पड़ गई। एक तो वो इतने चुप रहते है, fades colours पहनते है, वो बहुत ज्यादा रिजर्व है और तुम उतनी ही चंचल, कैसे मैनेज करोगे एक दूसरे के साथ?

कशिश: यार, I love him, and he loves me too, छोड़ो, आज़ सगाई है मेरी और एक हफ्ते में शादी।
enjoy करो। वो बहुत सिंपल है पर मुझसे प्यार करते है, वो जैसे है मुझे पसंद है।

दिलीप: यार, चल प्लीज शादी के कार्ड्स पर नाम लिखने में हेल्प कर मेरी, सबको इन्विटेशन भेजना है, एक हफ्ता बाकी है बस, अभी सगाई के लिए रेडी भी होना है, यार ये yellow colour क्यू लाई कशिश, मुझे सिंपल पसंद है।

सोचते हुए: हम अलग है पर I love her

दिलीप दोस्त: प्रिया, उसको कार्ड भेजना है?

दिलीप (सोचते हुए): hmm, भेजना है, नहीं मैं खुद जाऊंगा। कॉल लगाया, प्रिया, hii कैसी हो, मैं शादी कर रहा हूं, तुम्हें invite करने के लिए कॉल किया है

प्रिया: wow, धीमी आवाज़ में, congratulations,
wait (call hold करते हुए अपने बेटे को) दिलीप मस्ती मत करो बेटा, मम्मा थक गई है, go in your room। oh sorry दिलीप, हां बोलो, Thanks, हम सब आयेंगे तुम्हारी शादी में। चलो तुम खयाल रखो, मुझे काम है।

दिलीप: उसने बेटे का नाम दिलीप रखा, चलो उससे सुकून मिलता होगा उसे डाटते हुए।

कुछ दिन बाद: दिलीप प्रिया के घर गया कार्ड देने।
बहुत भीड़ है, क्या हुआ है, भाईसाहब प्रिया? जी वो अंदर है आप आइए।

मायूस प्रिया को देखते हुए, ये क्या हो गया प्रिया, क्या हुआ सुधीर को?

प्रिया: कल जो प्लेन क्रैश हुआ उसमें, रोते रोते, तुम कार्ड देने आए हो?

दिलीप: असमंजस में, अपना खयाल रखना प्रिया।

प्रिया: मत सोचो जो तुम सोच रहे हो, नही हो सकता, तुम्हे अब जाना चाहिए यह से, शादी है तुम्हारी, Go।

शादी के बाद अगले दिन

कशिश: दिलीप, देखो कितने गिफ्ट्स आए है, सबने कितना कुछ दिया, oh प्रिया ने भी कुछ भेजा है, एक खत हैं और हमारे लिए वॉच, लो।

दिलीप खत पड़ते हुए: दिलीप, में जानती हूं, तुम हमारे रिश्ते से आगे बढ़ कर भी बढ़ पाए। मैं आगे बढ़ चुकी हूं, सुधीर की यादों के साथ रहूंगी और दिलीप का खयाल रखूंगी, मैं ये शहर छोड़ कर जा रही हूं, अपना और कशिश का खयाल रखना और खुश रहना, तुम्हारी सबसे अच्छी दोस्त प्रिया।

दिलीप: मन ही मन, काश तुम मिल कर जाती, तो ये सवाल अधूरा न रहता

मेरा नाम क्यूं रखा?
© firkiwali