unknown love #1
भीड़ में थोड़ी तन्हा थी
की तभी वो दिखा
अजनबी तो था पर अपना सा लगा
शायद थोड़े जल्दी में था
थोड़ी तीव्रता हुई पर पलटकर नहीं देखी
अब मुसाफिर हूं
यूं पीछे मुड़कर देखने की आदत नहीं।
पर आंखो में ख्वाब
उससे फिर मिलने का ज़रूर था।
उस दिन...
की तभी वो दिखा
अजनबी तो था पर अपना सा लगा
शायद थोड़े जल्दी में था
थोड़ी तीव्रता हुई पर पलटकर नहीं देखी
अब मुसाफिर हूं
यूं पीछे मुड़कर देखने की आदत नहीं।
पर आंखो में ख्वाब
उससे फिर मिलने का ज़रूर था।
उस दिन...