...

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दौड़ती बस

दौड़ती बस

उजाला होने में बस कुछ ही समय बाकी था। और वो बस चली जा रही थी । यह वही बस थी जिसमें कुछ यात्री थे एक ड्राइवर था और एक कंडक्टर ।
न जाने कहाँ से आ रही थी और न जाने कहाँ जा रही थी।

अजीब सी चीख पुकार थी, और बस रफ्तार की तेज थी । सिर्फ बस चले ही जा रही थी। इतने में जैसे ही उजाला हुआ वो बस गायब हो गयी किसी को नहीं दिखी कहाँ गयी ।

कुछ...