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सौतेली माॅं
#WritcoStoryPrompt58

अजय बहुत छोटा था जब उसकी मां का देहांत हो जाता है।अजय की देखभाल करने के लिए अजय के पिता दूसरा विवाह कर लेते हैं। कुछ समय तक तो अजय की सौतेली मां उसे बहुत प्यार देती है। पर जब उसकी अपनी संतान हो जाती है तब अजय को इतना प्यार नहीं देती बल्कि उसे कोस्ती रहती है। पर अजय अपने छोटे भाई को बहुत प्यार करता है। वह दोनों बचपन से ही एक दूसरे के साथ रहते हैं। दोनों एक साथ पले बड़े होते हैं। अजय का छोटा भाई भी उसे बहुत प्यार करता है।
अजय के छोटे भाई को अपनी मां का अपने भैया के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं लगता है।वह हमेशा अपनी मां से कहता है की वह क्यों हमेशा भैया को बुरा भला कहती है।पर अजय की सौतेली मां को उन दोनों का साथ बिल्कुल पसंद ना था।पर उन दोनों भाइयों में बहुत प्यार होता है।अजय की सौतेली मां को यह पता है कि इस प्रॉपर्टी के दो हिस्से होंगे।इसलिए वह हमेशा ही इस चिंता में रहती है कि वह इस प्रॉपर्टी में से अजय को कुछ भी ना दें और सारी प्रॉपर्टी उसकेे बेटे के नाम हो जाए।
बाल अवस्था को पार करके दोनों भाई जवानी की दहलीज में पैर रख देते हैं। वक्त के साथ उनका प्यार और भी गहरा होता जाता है। पर अजय की सौतेली मां को उन दोनों का प्यार बहुत खटक रहा होता है। वह दोनों भाइयों के बीच में बहुत फूट डलवाने की कोशिश करती है पर हर बार ना कामयाब रहती है।
एक दिन घर लौटते वक्त अजय का एक्सीडेंट हो जाता है,और उसे हॉस्पिटल एडमिट किया जाता है।यह खबर सुनकर अजय का छोटा भाई बहुत दुखी और परेशान होता है और वहीं दूसरी और अजय की सौतेली मां यह बात सुनकर बहुत खुश होती है।और कहती है कि अच्छा हुआ कि मुझे कुछ नहीं करना पड़ा मेरे रास्ते का कांटा खुद ही हट गया।
अपने मां की यह बात सुनकर अजय के छोटे भाई को बहुत गुस्सा आता है।वो अपनी मां को बहुत सुनाता है।तब उसकी मां कहती है कि अगर वह जिंदा रहा तो तुम्हें इस प्रॉपर्टी में से आधा हिस्सा ही मिलेगा और आधा हिस्सा उसके नाम पर होगा। ऐसा सुनने के बाद अजय का छोटा भाई अपनी मां को साफ़ शब्दों में कह देता है,कि उसे इस प्रॉपर्टी में से कुछ भी नहीं चाहिए। बस अपना भाई सही सलामत चाहिए। वो अपनी मां को साफ़ शब्दों में चेतावनी देता है। गर आप भाई के लिए ऐसा सोचती है, तो वो घर छोड़कर चला जाएगा।अपने बेटे की यह बात सुनकर अजय की सौतेली मां के पैरों तले जमीन खिसक जाती है और फूट-फूट कर रोने लगती है।और कहती है बेटा मुझे माफ़ कर दे पर तू मुझे छोड़कर मत जाना।
तब अजय का भाई कहता है कि आज तक भाई ने मुझे कभी भी सौतेला भाई नहीं समझा है।हमेशा सगे भाई की तरह ही प्यार किया है।तो मां तुमने भाई को अपने बेटे जैसा प्यार क्यों नहीं दिया। अपने बेटे की बातें सुनकर बहुत से माफ़ी मांगती है और कहती है कि बेटा मुझे माफ़ कर दे आज के बाद मैं ऐसा कभी नहीं करूंगी। फिर दोनों हॉस्पिटल जाते हैं।अजय का ऑपरेशन हो चुका होता है,और अब वो खतरे से बाहर होता है। अजय की मां अजय को गले लगा कर उसे माफी मांगती है और उसे बहुत सारा आशीर्वाद देती है।