...

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सपनों का महल और मिट्टी का ढेर
*मैं और मेरे ख्वाब*

इतने दुःख होने के बाद भी
कितनी खुश थी मैं उस रात
सिर्फ तुम्हारी एक हां मेरी इस खुशी का राज़ थी
ऐसा लगने लगा था कि सब ठीक हो जाएंगे
हम फिर से पहले कि तरह रहने लगेंगे
सब बातों, वादों, चीजों पर पहले सा यकिन करने...