...

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mere adhure se làfz..
जब जब मैं सोचतीं हूँ कि मेरे पास तुम तो हो मुझे किसी और की क्या जरूरत है मग़र हर बार तुम मुझे इस बात का एहसास दिला देतो हो कि एक तुम्हारा अकेले का साथ मेरे लिए काफ़ी नहीं है, तुम्हारा मुझे बेहिसाब वक़्त देना मुनासिब नहीं,
प्यार जो मेरी आँखों में तुम्हारे लिए है उसे मेहसूस करने के लिए तुम्हारे पास वक़्त बाकी नहीं है , जिन आंखों में तुम मेरे रहने का दावा करते हो उन आंखों को मिलाने को तुम्हारे पास जगह ख़ाली नहीं है....।।।
""ना बीतने वाली अंधेरी रातों का पहर,
जिसमें हर पल तेरे ना होने का केहर,
कुछ ऐसी कट रही उसकी जिंदगी,
तेरे इन्तज़ार में हर पल वो मर रही ,
तूझे ढूंढने को ही घूमती उसकी नज़र,
जिसकी आंसूं से भरी आँखें हो गयी बंजर,
ना चाहते हुए भी कमी तेरे एहसास की,
लम्हों ने तो अभी भी अपनी उम्मीद बांध रखी । ""

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