मन की बेचैनी
ना जाने मेरा ये मन इतना क्यों बेचैन है
सबकुछ तो है मेरे पास, पर ना जाने फिर इसे किसकी तलाश है
नाही ये मुझे चैन से सोने दे रहा है और
नाही चैन से जागने
हर वक्त विचारों के भंवर में...
सबकुछ तो है मेरे पास, पर ना जाने फिर इसे किसकी तलाश है
नाही ये मुझे चैन से सोने दे रहा है और
नाही चैन से जागने
हर वक्त विचारों के भंवर में...