हमारी वो चांदनी रात
उसने कहा था हमारी पहली मुलाकात ऐसी होगी जो किसीके ख्वाबों मे भी न आयी होगी, उसने साक्षी बनाया कृष्ण को, गवाही मे चांद तारों को हाजिर किया, जुगनूओं से कमरा रोशन किया, साज सज्जा के लिए अप्सराओं को बुलाया शीतल मंद पवन शनै शनै शहनाई बजाने वालों मे थे
कमरे की दीवारों से ऐसी सुगंध उठ रही थी मानो सबकुछ नशीला हो रहा है, और अपने
"श्री " के लिए उसने ऐसे परिधान बनवाए थे अगर...
कमरे की दीवारों से ऐसी सुगंध उठ रही थी मानो सबकुछ नशीला हो रहा है, और अपने
"श्री " के लिए उसने ऐसे परिधान बनवाए थे अगर...