लंगर प्रसाद
*लंगर प्रसाद*
जो सगंत *बर्तन,थैलीया भर कर घर ले जाते है उन सगंत की आँखें खोलने के लिए गुरुजी का यह संदेश* :- जो गुरुघर,मंदिर,*भंडारे से लंगर बांध कर घर ले जाते हैं ?*
श्री गुरु नानक देव जी से एक महिला भक्त कहने लगी :- महाराज मैंने सुना है आप सभी के दुःख दूर करते हो मैं बहुत दुखी हूँ मैं रोज सेवा करती हूं फिर भी दुखी हूँ ऐसा क्यों ?
श्री गुरु नानक देव जी :- *तुम दुसरों का दुःख अपने घर लाती हो इस...
जो सगंत *बर्तन,थैलीया भर कर घर ले जाते है उन सगंत की आँखें खोलने के लिए गुरुजी का यह संदेश* :- जो गुरुघर,मंदिर,*भंडारे से लंगर बांध कर घर ले जाते हैं ?*
श्री गुरु नानक देव जी से एक महिला भक्त कहने लगी :- महाराज मैंने सुना है आप सभी के दुःख दूर करते हो मैं बहुत दुखी हूँ मैं रोज सेवा करती हूं फिर भी दुखी हूँ ऐसा क्यों ?
श्री गुरु नानक देव जी :- *तुम दुसरों का दुःख अपने घर लाती हो इस...