लेखन से पहले
कला होती है समुंद्र कलाकार उस समुद्र का सैलाब कितना बड़ा होता है समुंदर उसकी गहराई को मापना उतना ही कठिन ऐसे ही हर व्यक्ति के भीतर समुंद्र होता है जब उस समुंदर में सैलाब आता है और समुद्र की लहरों के थपेड़े मन की सीमाओं से टकराते हैं उस एहसास को कलम के सहारे कागज पर उकेरना भी एक कला है मेरे भी मन में तूफानों का सैलाब है इसी सैलाब को अक्षरों के रूप में कलम का सहारा लेकर कागज पर बिखेरती रहूंगी
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