Life
अक्सर जिंदगी के रास्तों पर घूमते हुए महसूस हुआ कि एक गुज़री हुई उम्र ने कुछ सपने पूरे होने का वादा थमाया था ... और जो सपने, वादे , पूरे नहीं हुए उनको भाग्य नाम के किताब पर छोड़ दिया ..हां बचपन से यहीं तो सीखा दादी से , सबसे , पर एक दिन खयाल भी आया कि भाग्य नाम कि उस किताब में अगर सब कुछ लिखा होता है तो उसे हम कभी पढ़ क्यों नहीं पाते .. हम बस ईश्वर से प्रार्थना करते है कि...