...

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BaNaNa> vs. < Energy
Banana> vs.
एक कैला वाला फ़रिश्ता फ़किरा
और एक बिजली विभाग वाला f#@kira!

" एक बार एक लड़का बिजली विभाग के दफ़्तर के बाहर केले बेच रहा था ।

बिजली विभाग के एक बड़े अधिकारी की नज़र जब उस लड़के पर पड़ी तो उसने पूछा : " केले कैसे दे रहे हो भाई" ?

लड़का : केले किसलिए खरीद रहे हैं साहब ?

अधिकारी :- क्या मतलब है तुम्हारा ??

लड़का :- मतलब ये साहब कि,

मंदिर के प्रसाद के लिए ले रहे हैं तो 10 रुपए दर्जन।

वृद्धाश्रम में देने हों तो 15 रुपए दर्जन।

अनाथ बच्चों के लिए ले रहे हों तो 20 रुपए दर्जन।

घर में खाने के लिए ले जा रहे हों तो, 25 रुपए दर्जन

और अगर पिकनिक के लिए खरीद रहे हों तो 30 रुपए दर्जन।

अधिकारी : अबे ये क्या बेवकूफी है, पागल है क्या तू ? अरे भई, जब सारे केले एक जैसे ही हैं तो फिर भाव अलग अलग क्यों बता रहे हो ??

लड़का : - ये तो पैसे वसूली का आप लोगों का ही स्टाइल है साहब...बस आप लोगों से ही सीखा है ये अदभुत तरीका औऱ वही आज़मा रहा हूँ ।

1 से 100 रीडिंग का रेट अलग,

100 से 200 का अलग,

200 से 300 का अलग।

अरे आपके घर की बिजली है क्या ?

आप भी तो एक ही खंभे से बिजली देते हो ।

तो फिर घर के लिए अलग रेट, दूकान के लिए अलग रेट......

और हाँ, एक बात और साहब,

मीटर का भाड़ा । मीटर क्या अमेरिका से आयात किया है आपने ? कितने सालों से उसका भाड़ा भर रहा हूँ।
आखिर उसकी कीमत है कितनी ??
आप ये तो बता दो मुझे एक बार.......!!

from the memories of past


© F#@KiRa BaBA