जानी! तुम मुस्कुराते बहुत हो...
तुम मुस्कुराते बहुत हो,
जानी! तुम सच में मुस्कुराते बहुत हो
कहीं नज़र ना लग जाए मेरे देखने भर से तुम्हें, क्या इसी वज़ह से तुम काला टीका लगाते बहुत हो?
कभी तो मुझे महसूस कर लिया करो कि मैं तुम्हें कितना चाहता हूं। तुम्हें कैसे बताऊं कि कभी-कभी कोई दिन ऐसा बीत जाता है कि उस दिन तुम्हारी बहुत...
जानी! तुम सच में मुस्कुराते बहुत हो
कहीं नज़र ना लग जाए मेरे देखने भर से तुम्हें, क्या इसी वज़ह से तुम काला टीका लगाते बहुत हो?
कभी तो मुझे महसूस कर लिया करो कि मैं तुम्हें कितना चाहता हूं। तुम्हें कैसे बताऊं कि कभी-कभी कोई दिन ऐसा बीत जाता है कि उस दिन तुम्हारी बहुत...