एक प्रेम ऐसा भी.......!❤️🩹
ये कहानी जो है गीता और कमल की...
गीता के पिता की एक छोटीसी दुकान थी...
आर्थिक परिस्थिति कमजोर होने के कारण सारा परिवार उस दुकान को चलाने की जिद्दोजहद में लगा रहता था..!
और दुकान छोटी होने के कारण वो अच्छा खासा चल भी नही पाती थी तो धीरे धीरे गीता के पिता बीमार रहने लगे..!
कभी गीता की मां, तो कभी गीता भी उस दुकान को चलाने में अपने पिता की मदद करते रहती थी...!
उसके पड़ोस में एक भी एक दुकान थी वो थीं कमल के पिता की...!
गीता सिर्फ महज 13 साल की थी..अपने पढ़ाई में और अपने पिता की दुकान चलाने में व्यस्त...।
गीता तो काफी होशियार और समझदार लड़की थी ..!
दुकान चलाते वक्त भी अपनी मर्यादा में रहकर अपना काम करती थी...!
और कमल को उसकी यही चीज सबसे ज्यादा पसंद थी...कमल महज 20 साल का था.. और रोज आते जाते वक्त उसे देखता रहता था...!
लेकिन गीता हमेशा अपने काम पर ध्यान देती थी... और बेवजह कही पर देखती भी नही थी..!
इसलिए उसे कभी भी पता ही नही चला की...
गीता के पिता की एक छोटीसी दुकान थी...
आर्थिक परिस्थिति कमजोर होने के कारण सारा परिवार उस दुकान को चलाने की जिद्दोजहद में लगा रहता था..!
और दुकान छोटी होने के कारण वो अच्छा खासा चल भी नही पाती थी तो धीरे धीरे गीता के पिता बीमार रहने लगे..!
कभी गीता की मां, तो कभी गीता भी उस दुकान को चलाने में अपने पिता की मदद करते रहती थी...!
उसके पड़ोस में एक भी एक दुकान थी वो थीं कमल के पिता की...!
गीता सिर्फ महज 13 साल की थी..अपने पढ़ाई में और अपने पिता की दुकान चलाने में व्यस्त...।
गीता तो काफी होशियार और समझदार लड़की थी ..!
दुकान चलाते वक्त भी अपनी मर्यादा में रहकर अपना काम करती थी...!
और कमल को उसकी यही चीज सबसे ज्यादा पसंद थी...कमल महज 20 साल का था.. और रोज आते जाते वक्त उसे देखता रहता था...!
लेकिन गीता हमेशा अपने काम पर ध्यान देती थी... और बेवजह कही पर देखती भी नही थी..!
इसलिए उसे कभी भी पता ही नही चला की...