शायद हम
हां यह तो संभव है कि एक दिन मेरे परिवार का अंत निश्चित है क्योंकि पहली बात तो यह की मैं पहले से ही कई बीमारियों से ग्रसित हूँ और मेरे मां माता-पिता भी कई तरह से तनाव चिंतन आदि से ग्रसित हैं मेरे परिवार में हमको 5 सदस्य परिवार है जो एक बड़ा परिवार है मेरी एक छोटी बहन एक छोटा भाई है परिवार में मैं सबसे बड़ा हूं किंतु हमारे पास सदस्य परिवार के अलावा हमारा वैसे पूरा परिवार बहुत बड़ा है जिसमें दादा दादी चाचा चाची आदि समेत 10 -11 सदस्य सदस्य हैं किंतु मैं केवल अपनी पांच सदस्य परिवार को ही अपना परिवार मानता हूं मुझे चिंता है कि मैं अपनी बीमारी के चलते ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह पाऊंगा तथा अपने भाई बहन और अपने परिवार को परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाऊंगा मेरे पिता रेलवे के गुड्स गार्ड पद पर कार्यरत है किंतु उनका भी शरीर अब साथ नहीं देता वे अब उम्र में भी 50 साल के करीब के हो गए हैं उन्होंने आजीवन मेहनत के चलते बहुत सारे दुख कष्ट झेले हैं मेरी मेरी मां भी अपनी उम्र के कारण और एक अप्रत्यक्ष बीमारी के के चलते हैं शायद ज्यादा दिन तक जिंदगी जीना संभव नहीं है हमारे यहां परिवार में पारिवारिक विवाद के कारण मेरे दादा दादी और चाचा यह सब हमारे किए मेरे पापा के किए गए संघर्ष के कारण जो भी संपत्ति अर्जित की गई उसमें सीधा हकदार बनना चाहते हैं और उसी के चलते हमारा विवाद बना हुआ है किंतु मुझे लगता है हम ज्यादा दिन तक अपना अपना जीवन नहीं जी पाएंगे और इस कारण हमें अपनी आजीवन संपत्ति मेरे दादा दादी और चाचा उनको दे देनी पड़ेगी क्योंकि वह वैसे भी हम जब हम ही नहीं रहेंगे तो मेरे भाई बहन जो कि अभी छोटे हैं उनसे वैसे भी वह छीन लेंगे अत: मेरा तो यह मानना है कि सारी संपत्ति ही उन्हें लौटा दी जाए क्योंकि जब हम ही ना रहे तो संपत्ति का क्या काम वैसे भी हम तो ठहरे गरीब लोग बस संपत्ति का तो केवल परिणाम है बाकी कुछ नहीं यह लो तुम संपत्ति ले लो संपत्ति ले लो किन्तु मेरे भाई बहन को बक्श देना!
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