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जंगल की सैर
#जंगल
मैंने कहा था स्पेयर टायर चेक करवा लेना निकलने से पहले, लेकिन तुम को तो बस हर बात मज़ाक लगती है। सुदीप ने गुस्से में झुंझलाते हुए रवि से कहा। उफ्फ नेटवर्क भी नहीं है मोबाइल में और इस घने जंगल में कोई दिख भी नहीं रहा। रात धीरे-धीरे गिरने लगी सुदीप और रवि दोनों ही थक हार कर बैठ गए, कुछ लड़कियां इकट्ठा करने लगे आग जलाने के लिए तभी बहुतजोर की आवाज आई ,दोनों ही डर कर, सामने बढ़कर देखा तो कुछ लड़कियों के पत्ते ,आपस में उलझ उलझ कर आवाज कर रहे थे ले
सांस में सांस आई अब भुक् प्यास भी बढ़ने लगी थोड़ी दूर आगे निकलकर उन्होंने देखा कि पानी की आवाज आ रही है ,वहां पर एक झड़ना था उन्होंने वहां से पानी इकट्ठा कर हाथ से पानी पी लियाl जैसे ही पीछे मुरे, की एक बुजुर्ग आते दिखl ,उसके हाथ में एक डंडा था उन्होंने उनसे पूछा, तो बुजुर्ग ने बताया कि उनकl, घर पास ही है और अक्सर रात में वह भृमण के लिए निकल जाते हैं lदोनों को न जाने क्यों उस बुजुर्ग पर भरोसा हो गया, ऐसा लगा कि अंधेरे में कुछ तो दिखl lदोनों गाड़ी के पास गए गाड़ी को बंद कर दिया और सामान लेकर बुजुर्ग के साथ उसके घर निकल गए ले
घर पहुंच कर दोनों को बहुत ही आश्चर्य हुआ,बिल्कुल ही सुना और अंधकार मैं घर था , उसने उन्हें बैठने को कहा और खुद गायब हो गया lअचानक से उन लोगों के सामने खाना आ गया और उन्होंने खाना खाने के बाद बुजुर्ग वापस आया और उन लोगों को एक कमरे का चाबी देकर वह चला गयाl
उन लोगों ने सोचा कि चलो ठीक ही है रात गुजार सकते हैं यहां पर ,इसीलिए उन्होंने चाभी ले ली ,जैसे ही कमरे में दाखिल हुए कैमरे का हालत खराब थी l बहुत ही बुरी तरह से बदबू फैला हुआ थाl
ऐसा लग रहा था बहुत सारे लोगों को साथ में ही दफना दिया गया ,फिर भी उन्होंने जबरदस्ती वहां पर रहने का सोच लियाl
बुजुर्ग एक हाथ में गिलास मे दूध लेकर दोनों को दे दिया और और वापस चला गया l
उन लोगों ने जैसे ही दूध पीना शुरू किया और पीछे से आवाज आई मत पियो उन लोगों को उसे आवाज पर इतने भरोसा होने लगा कि उन्होंने वह दूध नहीं पिया और ऐसे ही गिलास को रख दियाl
करीब 2 घंटे के बाद कुछ आवाज होने लगी और बहुत सारे लोग दरवाजा खोल के अंदर आए उनके हाथ में लकड़ी ,आरी, कटारी आदि सभी कुछ थेl
इन लोगों ने उसे आवाज को सुना और उनकी नींद खुल ग ई लेकिन फिर भी यह लोग लेते ही रहे ,मन में यहां विचार चल रहा था कि आखिर यह लोग हैं कौन?
संजोग से उन लोगों की रस्सी छोटी पड़ गई और वह वापस उसे ठीक करने चले गए, लेकिन यह दोनों रवि और सु दीप् और इसी उलझन में पड़े थे कि आखिर यह लोग हैं कौन?
तभी पीछे से आवाज आने लगी वह लोग सभी आपस में बात कर रहे थे आज हमें अच्छा शिकार मिला है हम लोग इन्हें खाकर अच्छे से अपना पेट भर सकते हैं lतब संदीप और रवि को पता चला कि असल में वह सभी नरभक्षी है lवह बुद्ध और उनके मित्र वह दोनों ही नरभक्षी हैं
अब यह लोग डरते डरते किसी तरह अपने आप को बिस्तर के नीचे छुपाने में कामयाब रहे ,और ऊपर बिस्तर पर तकियों की ढेर लगा दी, करीब आधे घंटे के बाद दरवाजा फिर से खुला वो बुजुर्ग और उनके मित्र आकर उन त कि यो पर हमला कर दिया, और वापस चले गए अपनी प्यास बुझाने के लिएl
मौका देखकर सुदीप और रवि किसी तरह बाहर निक ले बाहर निकल कर उन्होंने देखा, कि बूढ़ा पानी लेने के लिए बाहर जा रहा है और उसका मित्र बाहर बैठा हुआ है ल
चुपचाप मुंह बंद करके दवे पांव वह दोनों बाहर निकल गए, भाग कर वह दोनों गाड़ी के पास गए, गाड़ी का चाबी खोला और किसी भी तरह करके उन्हें वहां से भागना था ,इसलिए उन्होंने वापस से गाड़ी की तरफ देखा तो गाड़ी का टायर निकला हुआ था, करें तो कर क्या ?यह सबसे बड़ी उलझन थी, फिर उन्होंने खुद को एक मोटे वृक्ष के नीचे छुपा लियाl जो अंदर सुदूर के जगह में विद्यमान था ल वहां जाकर वह लोग रहने लगे ,और रवि के पास गिटार भी था गिटार बजने लगा दूसरा गाने लगा ,ऐसा लग रहा था कि आज वह अपनी मृत्यु की खूशी ही बना रहे हैं l
लेकिन भगवान इतनी जल्दी लोगों को मृत्यु नहीं देता ,शायद इसीलिए वह दोनों बच गए, किसी तरह और रात बिताया और दूसरे दिन सुबह ही मोबाइल का नेटवर्क वापस आ गया l

उन्होंने अपने करीबी को खबर की ल सब बात बता दिया ल वह लोग आए उनके टायर को बदल दिया गया, साथ में पुलिस भी लेकर आएl उन्होंने वृ ध को पकड़ कर ले जाया गया , उन नरभक्षी पर बहुत बड़ा इनाम था उन दोनों को वह ईनाम मिला पूरे 50000 सब बहुत खुश हुए घर वाले भी खुश हो गए हैं वह दोनों मित्र भी बहुत खुश हो गए ,उन लोगों की बुद्धि और साहस से ही नरभक्षी को पकड़ा गया और इन लोगों ने भी अपने जीवन की रक्षा कीl