भोले शंकर से अनुनय विनय
मनुष्य के जीवन की सबसे कठिन घड़ी वह है जब प्राणों से प्यारी उसकी मां,हौस्पिटल के आई. सी.यू .में हो।
स्थिति और भी चिंताजनक हौ जाती है जब मां डिमैन्शिया (मानसिक रोग,जिस में कुछ याद नहीं रहता) और गठिया से पीड़ित हो। जीवन की इसी कठिन परीक्षा से मैं आज गुजर रहा हूं।मानसिक चिंताए घिर कर आज सता रही
हैं लेखनी कुछ भी लिख पाने का साहस नहीं जुटा पा रही है।इसलिए इस माध्यम के द्वाराअपने इष्टदेव...
स्थिति और भी चिंताजनक हौ जाती है जब मां डिमैन्शिया (मानसिक रोग,जिस में कुछ याद नहीं रहता) और गठिया से पीड़ित हो। जीवन की इसी कठिन परीक्षा से मैं आज गुजर रहा हूं।मानसिक चिंताए घिर कर आज सता रही
हैं लेखनी कुछ भी लिख पाने का साहस नहीं जुटा पा रही है।इसलिए इस माध्यम के द्वाराअपने इष्टदेव...