दूसरी मोहब्बत
एक रात वो नाराज़ थी हमसे,
हमने भी कलम उठाई और बोला
“जान पलकों पर रख कर
नुमाइश करेंगे तुम्हारी,
तुम एक बात बताओ,
क्या मोहब्बत बनोगी हमारी?”
जवाब में वो बोली:- “...
हमने भी कलम उठाई और बोला
“जान पलकों पर रख कर
नुमाइश करेंगे तुम्हारी,
तुम एक बात बताओ,
क्या मोहब्बत बनोगी हमारी?”
जवाब में वो बोली:- “...