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लेडीफिंगर{एक काल्पनिक कहानी }
क्या आप जनता है लेडीफिंगर सब्जी की उपज कैसे हुई?
ये कहानी उस समय की है जब लेडीफिंगर नाम की कोई सब्जी नहीं थी ब्लकि इस तरह का कुछ था भी नहीं था| शुरू होने से पहले सब सावधान हो जाए क्योंकि ये मनगढ़ंत कथा है।

बहुत समय पहले की बात है, क्रिप्टो शहर मे सभी लोग खुशी-खुशी रहते थे| उस शहर का राजा लुथियस दयालु और बहादुर था औऱ उसकी एक बेटी लेडी  थी| लेडी  की आंखे सूरज के जैसी चमकती थी, उसके गाल गुलाब से सुंदर औऱ उसके दाहिने हाथ में जन्म से ही आधा चाँद जैसा तिल था| राजकुमारी जितनी सुंदर उससे कई-कई ज़्यादा वह शास्त्र और शस्त्र मे पारंगत थी|

एक दिन , सूरज अपने समयानुसार उदय होता है और लोग अपने घर से निकलकर अपने कामो में लग जाते है। उधर राजभवन में राजा अपने मंत्री सबके साथ बैठ कर विचार -विमर्श कर रहा होता है की तभी एक सिपाही राजदरबार में आता है और कहता है -"महाराज! एक युवती आपसे मिलना चाहती है।" "जाओ बुला लाओ।" राजा ने कहा। सिपाही उस युवती को दरबार में पेश  करता है। जितने भी वहाँ लोग मौजूद थे उस युवती के सुंदरता और आकर्षित शरीर की बनावट देख मंत्रमुग्ध हो जाते है।  "महाराज! मेरा नाम लीना है और मै बगल वाले गाँव से आई हूँ ताकि इस भव्य महल में कुछ काम कर अपना गुजरा कर सकू।" लुथियस उस युवती की सुंदरता में खोया हुआ था। वह तो उसकी बात अच्छे से नहीं सुन पाया था ,कुछ देर बाद उसे होश आता है तो एक मंत्री उसे सब बात बता ता है। राजा बिना कुछ विचार-विमर्श लीना से कहता है -"आ..... आ....अआप आज से ही इस महल में काम करे। आपको जो उचित लगे वही काम करे। "

लीना लेडी की सेविका बन गई। इधर राजा लीना को पाने  के हवस में था।  उसकी ये लालसा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। उसने किसी तरह लीना को अपना विशेष सहलाहकर बना दिया ताकि  वह लीना के पास रह सके और उससे मीठी-मीठी बाते करे। दुर्भाग्यवश लुथियस की पत्नी मटिल्डा  लेडी के जनम के एक महीने बाद स्वर्ग सिधार गई जिसके कारण लुथियस अकेला पर गया और अब उसके अनुसार ये अकेलापन लीना ही हटा सकती थी।  उसने अगले दिन लीना को अपने दिल की बात दी -"लीना! मै तुमसे मोह्हबत करता हूँ और मै चाहता हूँ की तुम मेरी खातून बन मुझे बहुत खुशिया दो।" लीना यह सुन कुछ नहीं कही और उसका कुछ नहीं कहना लुथियस को तडपा  रहा था।  जब ,उसने एक बार हठपूर्वक लीना का पकड़ पूछा तो लीना ने कहा -"मेरे लुथियस , मै भी तुम से प्रेम करती हूँ लेकिन मै तभी तुमसे शादी करूंगी जब तुम शादी के बाद मेरी बातो को बिना कुछ सोचे -समझे मान लोगे और जो भी में करु तुम मुझे कुछ नहीं कहोगे। शादी के बाद तुम मुझे इस शहर का महारानी घोषित कर देना।" लुथियस बस लीना के हवस में  था सो उसने बिना कुछ सोचे-विचारे लीना की बात मान ली जो आगे चल लुथियस और उसके पूरे शहर के लिए काल साबित हुआ ।

लीना और लुथियस की शादी हो गई और शर्तानुसार लुथियस ने लीना को शहर का महारानी घोषित कर दिया। लीना खुबसुरत तो थी लेकिन उसमे बहुत सारे अवगुण भी थे। लीना अपने से ज्यादा सूंदर युवती को देखना पसंद नहीं करती थी इसलिए उसने क्रिप्टो शहर में नियम लागु कर दिया की आज से शहर की सारी लड़कियाँ अपना चेहरा ढख कर निकलेंगी अगर नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा। लीना रात के ठीक भारह बजे गायब हो जाती। लीना के दाहिने हाथ के पहले फिंगर में एक अजीब-सा अंगूठी था जिसे वह हमेशा संभाल कर रखती।  लुथियस उसकी ये बाते जानता था लेकिन अपने दिए गए वचन  के कारण कुछ कर  नहीं पा रहा था और लेडी बस अपने पिता के कारण लीना को कुछ नहीं कह रही थी हालाँकि वह लीना के साथ अच्छे से पेश आती लेकिन लीना को उसकी खूबसूरती और लेडी के बुद्धिमानी से नफरत थी। लीना किसी तरह लेडी को अपने रास्ता से हटाना चाहती थी।

अगले दिन, उसने लुथियस से कहा -"मेरे प्रिये! मै चाहती हूँ कि तुम लेडी को कही बाहर भेज दो ताकि कुछ दिन हम दोनों अकेले बिता सके। " लुथियस लीना के इस बात को सुनकर नाराज हो गया क्यूंकि लेडी उसकी दाया हाथ थी और लुथियस उससे दूर नहीं होना चाहता था। लेकिन लीना के बार -बार जिद और उसकी खूबसूरती के सामने लुथियस की एक न चली।

 उसने लीना के इच्छा को लेडी को बताई। ना चाहते हुए लेडी भारी मन से मान गई। राजा ने लेडी को 'रेनबो फारेस्ट ' भेज दिया जहाँ लेडी की दादी सोफ़िया रहती थी। सोफ़िया एक जादूगरनी थी इस कारण क्रिप्टो के लोग उससे डरते थे इसलिए वह क्रिप्टो से मिलो दूर रेनबो फारेस्ट में रह रही थी। लेडी आपने दादी से मिलकर बेहद खुश हुई। सोफ़िया लेडी को तरह-तरह की जादू की बाते और नए जादू सिखाया करती। इधर , क्रिप्टो शहर और लुथियस अंधेरे की चपेट में आ गए। लीना एक डायन थी उसने लुथियस को कारागार में बंद कर दिया और शहर के बहुत सारे लोगो को पथर की मूर्ति बना दिया। यह बात किसी तरह लेडी को पता चल गई। लेडी यह सब सुनकर बहुत क्रोधित हुई और उसका मन उदाश-सा हो गया। उसने सारी बात अपनी दादी को बताई और उन्होंने अपने जादुई जल में सब देख लिया। सोफ़िया ने लेडी को नए जादुई हथियार दिए ताकि वह अब अपने शहर को बचा सके और उस डायन को मार सके।

अब ,लेडी क्रिप्टो शहर आती है और वहाँ का माहौल देख गुस्से से भर जाती है और सीधा महल जाती है जहाँ लीना थी। लेडी को देखकर क्रिप्टो के सैनिक खुश होते है और लेडी की मदद करते है। महल से लीना सब देख रही थी उसने अपने जादुई सैनिको को लेडी और उसके साथियों को तबाह करने भेज दिया। लेडी एकदम बिजली जैसी उन सब पड़ टूट पड़ी और लीना के सैनिको को मारकर महल के अंदर आ गई जहाँ लीना थी। लीना उसको देख आग बबूला हो गई और अपने अंगूठी से पत्थर बनाने की कोशिश की लेकिन लेडी पर कोई असर नहीं हुआ। दोनों के बिच भीषण युद्ध हुआ लेकिन कोई हार नहीं रहा था लेडी ने लीना पर कई वार किये लेकिन उसे कुछ हुआ नहीं। तभी , लेडी के दाहिने हाथ में जहाँ चाँद का तिल था वो तेजी से चमकने लगता है और एक पहेली उसके सामने आता है -

                   "पाँच है पर
एक बड़ा ,
  चाँद सी चमक
उसमे जड़ा ,
खोज ले बहादुर तू महान है,
    जान उसका इसमें पड़ा। "

लेडी इस पहेली के हल को सोच रही होती है की तभी लीना अपने अंगूठी से उस पर हमला कर देती है। लीना के अंगूठी से तेज चमक निकलती है। "चमक...... पाँच.... बड़ा.... अरे ! हा ! मिल गया " लेडी ने कहा। लेडी अपने तलवार को बिजली जैसा निकल लीना पे टूट पड़ती है और उसके फिंगर जिसमे अंगूठी था उसे काट देती है। लीना का फिंगर एक जादुई पौधे पर गिर जाता है जिसे वह पौधा अपने अंदर समा लेता है और एक सब्जी के का रुप दे देता है। तभी क्रिप्टो शहर के आसमान से सारे अंधकार हटने लगते है और सूरज का प्रकाश लीना को राख में बना देता है सारे लोग ठीक हो जाते है और  लुथियस को कारागार से निकाला जाता है और वह अपनी बेटी की निडरता और बुद्धि को देख क्रिप्टो शहर का राजा घोषित कर देता है और उस पौधे का नाम "लेडीफिंगर" रख देता है। तब से सारे लोग लेडी के इस बहादुरी के कारण स्वादिस्ट "लेडीफिंगर" सब्जी खा पा रहे है।

                                                                                                                                           
© श्रीहरि